देश का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाला मीडिया आज खतरे में है। जगह जगह किसी न किसी मीडियाकर्मी का दर्द सुनने को मिलता है लेकिन इसकी आवाज को हमेशा दबाने की कोशिश की जाती है। देश का चौथा स्तंभ आज के बदलते युग में पूरी तरह आधुनिक हो चुका है वहीं मीडियाकर्मियों पर हो रहे हमले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन आज भी मीडियाकर्मी खतरों के बीच जूझते हुए भी आमजनमानस की आवाज को अपने कलम से एक दूसरे तक पहुंचाने का काम करता रहता है। पत्रकारों पर लगातार उत्पीड़न के मामले सामने आते रहे हैं ,जो एक स्वस्थ समाज को दूषित करने के लिए पर्याप्त है।
पत्रकारों के लगातार उत्पीड़न, पुलिस द्वारा फर्जी मामलो में फसाये जाने एवं नौकरशाहों द्वारा प्रताड़ित किये जाने पर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गहरी चिंता व्यक्त की है। नाईक ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र लिखकर कहा है कि विधान सभा सदस्य ब्रजेश कुमार प्रजापति द्वारा 13 अक्टूबर 018 को एक पत्र संख्या 214 B प्रेषित किया गया है , जिसमें पत्रकारों के ऊपर हो रहे हमले ,मारपीट ,धक्का मुक्की, और उनके ऊपर माफियाओं द्वारा मुकदमे पंजिकृत कराये जा रहे हैं। फर्जी मुकदमे एवम अधिकारियों द्वारा कुचक्र रचने की ओर ध्यानाकर्षण कराते हुये दोषियों पर कार्यवाही का अनुरोध किया गया है। पत्र में सीधे सीधे मुख्यमंत्री से इस मामले में समुचित कार्यवाही की बात कही गयी है ।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री नाईक ने स्पष्ट तौर से मुख्यमंत्री श्री योगी से इस समस्या को रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है,जिससे देश का चौथा स्तम्भ निर्भीक होकर काम कर सके।
(शिवरतन कुमार गुप्ता )