झारखंड में रांची के बिरसा चिड़ियाघर में पिछले एक महीने के दौरान अत्यधिक संक्रामक कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (CDV) से सभी सात लोमड़ियों की मौत हो गई. लुप्तप्राय प्राणी लोमड़ी का वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची II के तहत संरक्षण किया जाता है.
भगवान बिरसा बायोलॉजिकल पार्क के निदेशक जब्बार सिंह ने कहा, ”मार्च के पहले सप्ताह में पहली लोमड़ी की मौत की सूचना मिली थी. उसके बाद, एक महीने में चिड़ियाघर में सभी लोमड़ियों की मौत हो गई. हालांकि, ज्यादातर लोमड़ियों की उम्र अधिक थी.”
उन्होंने कहा कि पहली लोमड़ी की मौत की सूचना मिलने पर रांची पशु चिकित्सा कॉलेज के विशेषज्ञों को सूचित किया गया. सिंह ने कहा, ”हमने भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) को जांच के लिए नमूने भेजे हैं. हालांकि, हमें अभी तक आईवीआरआई की ओर से कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली है. संस्थान ने मौखिक रूप से संकेत दिया है कि मौत का कारण सीवीडी हो सकता है.”
आईवीआरआई-बरेली के एक वैज्ञानिक ने को बताया कि नमूने सीडीवी पॉजिटिव पाए गए. वैज्ञानिक ने नाम न सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहा, ”चिड़ियाघर प्राधिकरण को इस बारे में सूचित कर दिया गया है और अन्य जानवरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक एहतियाती उपाय भी सुझाए गए हैं. हम एक या दो दिन में आधिकारिक रिपोर्ट चिड़ियाघर प्राधिकरण को भेज देंगे.”