पुरी का जगन्नाथ मंदिर एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। लेकिन इस बार वजह खजाना नहीं बल्कि खजाने की चाबी है। कथित तौर पर बताया जा रहा है कि यहां के खजाने की चाबी गायब हो गई है। जिसके चलते पुरी के शंकराचार्य और राज्य में विपक्षी दल बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया है।
सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि यह चाबी तब से गायब है जब ओडिशा उच्च न्यायालय के आदेश पर 4 अप्रैल को 34 साल बाद जांच के लिए टीम यहां आई थी है। वहीँ श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य रामचंद्र दास महापात्रा ने भी रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष की चाभी गायब होने की बात कही है। रामचंद्र दास महापात्रा के अनुसार चाबी ना तो श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन के पास है और ना ही पुरी जिला कोषागार को इसके बारे में पता है ।
वहीँ दूसरी तरफ मंदिर की चाबी को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने इस घटना के लिए ओडिशा सरकार की आलोचना की है। जबकि वहीं बीजेपी ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से इस घटना पर स्पष्टीकरण माँगा है। उड़ीसा बीजेपी के प्रवक्ता पीतांबर आचार्य का कहना है कि, ‘मुख्यमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि चाबी कैसे गायब हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
दरअसल पुरी का जगन्नाथ मंदिर हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि 12 वीं शताब्दी से इस खजाने को लूटने 18 बार मंदिर पर हमला किया गया, लेकिन कोई लूट नहीं पाया। इस मंदिर में 7 कक्ष हैं, जिनमें से केवल 3 मंदिर द्वार खोले गए हैं।