मुंबई : आरबीआई के नए डेप्युटी गवर्नर वैसे तो हैं बैंकर, लेकिन तबियत से एक संगीतकार भी हैं। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ बिजनस के प्रफेसर विरल आचार्य कई हिंदी पॉप सॉन्गस भी रिकॉर्ड करा चुके हैं।
पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के साथ मिलकर कई रिसर्च पेपर लिखने वाले विरल ने लाइट इंडियन म्यूजिकल कंपोजिशन भी तैयार की है। उनके ‘यादों के सिलसिले कंपाइलेशन’ को ऑनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है। इससे जो पैसा आता है, वह ‘प्रथम’ नाम के एनजीओ को जाता है जो बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है।
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एक अर्थशास्त्री के तौर पर भी विरल आचार्य यूरोपियन बैंकों के कैरी ट्रेड से लेकर सरकारों के सॉवरेन बॉन्ड्स पर रिसर्च पेपर लिख चुके हैं। उनका मानना है कि बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी होनी चाहिए, साथ ही वह सिस्टेमिक फाइनैंशल रिस्क को कंट्रोल में रखने में यकीन रखते हैं। उनके हिसाब से सरकारों को फिजूल खर्च से बचना चाहिए। उम्मीद की जा रही है कि आचार्य आरबीआई में ग्लोबल थिंकिंग लेकर आएंगे। राजन के जाने के बाद इस मामले में सेंट्रल बैंक में एक गैप बना हुआ है।
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विरल आचार्य से जुडी खास बातें:-
विरल आचार्य ने आईआईटी बॉम्बे से 1995 में कंप्यूटर इंजिनियरिंग में ग्रेजुएशन की थी।
इसके बाद वह 2001 में स्टर्न स्कूल से डॉक्टरेट करने गए।
जिसके बाद वह 2008 तक लंदन स्कूल ऑफ बिजनस से जुड़े हुए थे।
2007 से 2009 के बीच आचार्य कॉलेर इंस्टीट्यूट ऑफ प्राइवेट इक्विटी के ऐकडेमिक डायरेक्टर भी रह चुके हैं।
बैंक ऑफ इंग्लैंड में वह 2008-09 में ह्यूबलॉन-नॉर्मन सीनियर रिसर्च फेलो भी रहे।