रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ट्रेनों में महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों को तीन साल की सजा देने का प्रस्ताव दिया है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो रेलवे अधिनियम के तहत महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों को तीन साल की सजा मिलेगी। जबकि आईपीसी में ऐसे आरोपियों को एक साल की सजा का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त आरपीएफ ने जिन अन्य प्रावधानों का प्रस्ताव दिया है उसमे जीआरपी की मदद के बिना इस तरह के आरोपियों को पकड़ने का अधिकार देने की मांग की गई है।
रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक इन प्रावधानों के प्रस्ताव का मकसद इस तरह के मामलों में त्वरित कार्यवाही करना है। वहीँ अगर आंकड़ों पर गौर करें तो ट्रेनों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में साल 2014 से 2016 के दौरान 35 फीसदी का इजाफा हुआ और कुल 1607 मामले सामने आये। 2014 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 448 मामले, 2015 में 553, जबकि 2016 में 606 मामले दर्ज किए गए थे।
रेलवे सुरक्षा बल द्वारा रेलवे अधिनियम में शामिल करने के लिए भेजे गए प्रस्तावों में महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने वाले पुरुषों के लिए जुर्माने की राशि 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने की बात भी कही गई है।