नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद देशभर के जन-धन खातों में 21,000 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक जमा की गई रकम में सबसे ज्यादा हिस्सा पश्चिम बंगाल में खुलवाए गए जन-धन खातों से आया है।
देश भर में जन-धन योजना के तहत कुल 24 करोड़ बैंक अकाउंट खोले गए थे। इसका उद्देश्य सभी व्यक्तियों को बैंकों से जोड़ना और सब्सिडी की राशि भी बैंक खातों में सीधे पहुंचाना है। लेकिन नोटबंदी के बाद जन-धन अकाउंट का इस्तेमाल काले धन को सफ़ेद बनाने के लिए किया जा रहा है। वहीँ वित्त मंत्रालय ने कहा है कि जो लोग अपने अकाउंट का गलत इस्तेमाल दूसरों के काले धन को सफ़ेद करने के लिए होने देंगे उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि, ‘अगर इस बात का पता चलता है कि जो धनराशि अकाउंट में जमा की गई है, वह किसी और की है तो इसके लिए टैक्स चोरी करने का मामला बनेगा और इसपर इनकम टैक्स के साथ जुर्माना भी देना होगा।’ इसके लिए अपने अकाउंट का दुरुपयोग करने वाले पर इनकम टैक्स ऐक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे स्मॉल सेविंग अकाउंट में पुराने 500 और 1,000 के नोट न जमा करें।
वहीँ आरबीआई ने कहा है कि, ‘तत्काल प्रभाव से बैंकों को आदेश दिया जाता है कि वे स्मॉल सेविंग अकाउंट्स (पब्लिक प्रविडेंट फंड, पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम, नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीमस् और किसान विकास पत्र शामिल) में पुराने 500 और 1,000 के नोट न जमा करें।’ हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट में 500 और 1,000 के नोट जमा कराये जा सकते हैं।