प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की और युद्धग्रस्त देश के पूर्वोत्तर इलाके के शहर सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में उनसे मदद की गुजारिश की.
इस दौरान दोनों नेताओं ने पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में उभरती परिस्थितियों पर भी चर्चा की. रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण सूमी में अभी भी 700 के करीब भारतीय छात्र फंसे हुए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने सूमी में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत की ओर से किए जा रहे प्रयासों में यूक्रेन सरकार से मदद जारी रखने की अपील की.
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी वार्ता की सराहना की. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन से भारतीयों को निकालने में यूक्रेन सरकार द्वारा की गई मदद के लिए जेलेंस्की का आभार जताया.
दोनों नेताओं के बीच बात ऐसे समय में हुई है, जब रूस के हमले का सामना कर रहे यूक्रेन से छात्रों समेत अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत हर संभव प्रयास कर रहा है.
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध आरंभ होने के बाद, दोनों नेताओं के बीच आज दूसरी बार बातचीत हुई. इससे पहले, दोनों नेताओं ने 26 जनवरी को फोन पर बातचीत की थी. दोनों देशों के बीच युद्ध आरंभ होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी दो बार बात कर चुके हैं.
इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वार्ता के दौरान जेलेंस्की ने युद्ध की स्थिति और यूक्रेन तथा रूस के बीच जारी बातचीत के बारे में विस्तार से जानकारी दी. पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में जारी युद्ध और इसके परिणामस्वरूप पैदा हुए मानवीय संकट पर चिंता जताई.
पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने तत्काल हिंसा समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराया और इस बात को रेखांकित किया कि भारत हमेशा ही दोनों पक्षों के बीच सीधी वार्ता और मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर रहा है.
भारत रूस और यूक्रेन के शीर्ष नेताओं से युद्ध को तत्काल समाप्त कर, वार्ता और कूटनीति के जरिए मतभेदों को दूर करने की अपील करता आ रहा है.
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में अब भी फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षा पर चिंता जताई और उनकी जल्द सुरक्षित निकासी की आवश्यकता पर जोर दिया.