पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Former Prime Minister of India, Rajiv Gandhi) के जन्म दिन के अवसर पर मनाए जाने वाले सद्भावना दिवस (Sadbhavana Divas) पर मुंबई के स्वामी विवेकानंद नाइट कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स (Swami Vivekanand Night College of Arts and Commerce), बी.एम. रुइया गर्ल्स कॉलेज (B.M. Ruia Girl’s College) और सेंट अर्नोल्ड्स नाइट डिग्री कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स (St. Arnold’s Night Degree College of Arts and Commerce ) की तरफ़ से “महिलाएं और पर्यावरण” (Women and the Environment) विषय पर एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. अनुजा एन. पलसुलेदेसाई (Dr. Anuja N. Palsuledesai) , डॉ. संतोष कौल काक (Dr. Santosh Kaul Kak) और प्रो. सुनीता शर्मा (Prof. Sunita Sharma) ने की। इसके बाद डॉ. नूरुजिया काजी, वाणिज्य विभाग के प्रमुख और बी.एम.रुइया गर्ल्स कॉलेज के आईक्यूएसी समन्वयक (Dr. Nooruzia Qazi, Head Dept of Commerce & IQAC Coordinator of B.M.Ruia Girls College) डॉ. सुमंत औताडे, स्वामी विवेकानंद नाइट कॉलेज आईक्यूएसी समन्वयक Dr. Sumant Autade, IQAC Coordinator of Swami Vivekanand Night College) और आदित्य गिरी, सेंट अर्नोल्ड नाइट डिग्री कॉलेज (Aditya Giri, St. Arnold’s Night Degree College) ने वक्ताओं का परिचय दिया।
डॉ विभूति पटेल, पूर्व प्रोफेसर टीआईएसएस और एसएनडीटीडब्ल्यूयू (Dr. Vibhuti Patel, Former Professor, TISS & SNDTWU) पैनल डिस्कशन की मॉडरेटर थी। जब कि पैनलिस्ट डॉ. सोमा के पार्थसारथी, स्वतंत्र नीति विश्लेषक नेशनल फैसिलिटेटर टीम, मकाम, सह-संस्थापक विकल्प संगम (Dr. Soma. K. Parthasarathy, Independent Policy Analyst, National Facilitator Team, MAKAAM, Co – founder VIKALP SANGHAM) ने “महिलाओं की आजीविका और पर्यावरण संबंधी चिंताओं” (Women’s Livelihoods and Environmental Concerns) पर बात की।
प्रिया पिल्लई, सामाजिक पर्यावरण कार्यकर्ता (Priya Pillai, Social Environmental Activist) ने “लिंग और पर्यावरण के मुद्दों” (Gender and Environment Issues) पर बात की। तीसरे पैनल के सदस्य थे डॉ. एस.एम. माइकल, निदेशक भारतीय संस्कृति संस्थान (Dr. S.M. Michael, Director Institute of Indian Culture) उन्होंने “महिलाओं और पर्यावरण पर संस्कृति के प्रभाव” (Impact of culture on women and environment) पर बात की।
इस चर्चा में पर्यावरण के साथ महिलाओं के संबंधों के संबंध में कई तथ्य सामने आए। दुनिया भर में विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि दुनिया भर में महिलाओं के पास एक छोटा पर्यावरण पदचिह्न है।
पैनल डिस्कशन ने विभिन्न सवालों के जवाब खोजने में मदद की जैसे नीति निर्माण (Policy Making), पितृसत्ता (Patriarchy) और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के बीच क्या संबंध है? महिलाओं के खिलाफ हिंसा और पर्यावरण के बीच क्या संबंध है? सुरक्षित और महिला मित्रवत वातावरण सुनिश्चित करने के लिए हमारे द्वारा क्या किया जा सकता है?
पैनल चर्चा का समापन विभूति पटेल ने सत्र के सारांश और विभिन्न क्षेत्रों को सूचीबद्ध करने के साथ किया जिसमें महिलाओं और पर्यावरण के लिए प्रासंगिकता के साथ अनुसंधान किया जा सकता है।