नई दिल्ली : बुलंदशहर गैंगरेप मामले को लेकर दिए गए बयान पर आजम खान को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के खरी खरी सुनाई है। कोर्ट ने आजम खान को बिना शर्त माफ़ी मांगने के लिए भी कहा है अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और फली नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया की कि आजम खान ने जो स्पष्टीकरण दिया है वह बिना शर्त नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि आजम मामले में दोबारा हलफनामा दायर करें और बिना शर्त माफी मांगें। वहीँ ताजा हलफनामे में ‘क्षमा’ की जगह ‘पछतावा’ लिखने की बात पर कोर्ट ने कहा कि आजम खान पहले हलफनामा दायर करें उसके बाद उस पर विचार किया जाएगा। इसके पहले आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रस्ताव रखा था कि वह बुलंदशहर गैंगरेप पीड़ित की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे। लेकिन पीड़ित ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
17 नवंबर को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान से गैंगरेप केस पर माफीनामा दाखिल करने का आदेश दिया था, जिस पर आजम माफी मांगने को तैयार हो गए थे। आजम ने बुलंदशहर गैंगरेप को राजनीतिक साजिश बताया था।जो मिडिया मे सुर्खियां बना था। जिसके बाद पब्लिक सर्वेंट के बयान के मामले में देश-विदेश की अदालतों में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आजम खान को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। साथ ही कोर्ट ने हिदायत भी दी थी कि गैंगरेप के मुद्दे पर बयान देने से पहले बयान देने वालों को जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी