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Sea Plane : 31 अक्टूबर से साबरमती रिवरफ्रंट और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बीच शुरू होगी सी प्लेन सेवा

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भारत में अब जल्द ही सी प्लेन (Sea Plane) हकीकत बनने वाला है. भारत की पहली सी-प्लेन सेवा 31 अक्टूबर को साबरमती रिवरफ्रंट (Sabarmati Riverfront) से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) के बीच शुरू होने वाली है. केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने इसकी जानकारी दी है.

विमानन सेवा प्रदाता कंपनी स्पाइसजेट इसके लिए मालदीव से एक सीप्लेन खरीद रही है, जिसके 26 अक्टूबर तक आजाने की संभावना है. यह सीप्लेन करीब 250 किलोमीटर के मार्ग पर सेवा प्रदान करेगा. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार साबरमती रिवर फ्रंट से अहमदाबाद के लिये सीप्लेन से उड़ान भर चुके हैं.

नौवहन मंत्री मंडाविया ने कहा, ”साबरमती रिवरफ्रंट से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिये भारत की पहली सीप्लेन सेवा की शुरुआत 31 अक्टूबर से होने की उम्मीद है। यह देश के लिये एक नयी शुरुआत होगी. इसके लिए दोनों छोर पर बुनियादी संरचना तैयार है.”

उन्होंने कहा कि स्पाइसजेट मालदीव से एक सीप्लेन खरीदने की प्रक्रिया में है, जो 26 अक्टूबर को आ जायेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की उड़ान योजना के तहत स्पाइसजेट को फायदे भी दिये जाएंगे. मंत्री ने कहा कि एक बार शुरू हो जाने के बाद इस मुहिम से पर्यटन को काफी फायदा मिलेगा.
गुजरात सरकार ने इस साल जुलाई में सीप्लेन सेवा के लिए क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत चार जल एयरोड्रमों के निर्माण के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के साथ त्रिपक्षीय समझौते में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.एक वाटर एयरोड्रम या सीप्लेन बेस खुले पानी का एक ऐसा क्षेत्र होता है, जिसका उपयोग सीप्लेन, फ्लोट-प्लेन और एम्फीबियस विमानों द्वारा लैंडिंग और टेक ऑफ के लिये किया जाता है. अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट, नर्मदा जिले के केवडिया में सरदार सरोवर बांध, भावनगर जिले के पालीताना में शतरुंजी बांध और मेहसाणा जिले के धौरी बांध में वाटर एयरोड्रम की योजना बनाई गई थी.मंडाविया ने हाल ही में भारत में सीप्लेन परियोजनाओं की समीक्षा की थी. साबरमती और सरदार सरोवर – स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मार्ग देश में पहचाने गए 16 सीप्लेन मार्गों में शामिल हैं. सरकार के अनुसार इस मार्ग के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पूरे हो चुके थे. मंडाविया ने कहा कि इस सेवा के शुभारंभ के बाद गुवाहाटी, अंडमान निकोबार और यमुना से उत्तराखंड में टप्पर बांध सहित विभिन्न मार्गों पर नियमित सेवा की योजना बनायी गई है.

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