केंद्र सरकार की तरफ से 16 अप्रैल को गाइडलाइन जारी की गई थी जिनमें बताया गया था कि 20 अप्रैल से कृषि क्षेत्रों से जुड़े कार्य चालू रहेंगे. बढ़ई, इलेक्ट्रीशियन, प्राइवेट गार्ड, किसानों से जुड़े हर तरीके के काम, आनलाइन जरूरी सामान डिलेवरी हो सकेगी. पहले जरूरी सेवाएं ही थीं छूट के दायरे में लेकिन अब छोटे उद्योग, छोटे काम से जुड़े लोग, छोटी दुकानें और आम जरूरत से जुड़े व्यवसायिक संस्थान शामिल है.
ग्रामीण इलाकों को खास खयाल रखा गया है इसीलिए वहां पर मनरेगा, कंसट्रक्शन, छोटी प्रोडक्शन यूनिट, ईंट बनाने का काम, वहां पर जरूरत से जुड़ी दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई. ग्रामीण इलाकों में फैक्ट्रियों के भी खोलने की अनुमति दी गई है.कर्मचारियों से काम की आड़ में कोरोना वायरस खतरे के मापदंडों का उल्लंघन न हो इसके लिए खास नियम बनाए गए हैं, ये नियम फैक्ट्री और वर्क प्लेस के लिए हैं इसका पालन न होने की सूरत में सजा का प्रावधान हैं. मास्क पहनना अनिवार्य होगा और थूकने पर पाबंदी है.
यातायात के मामले में आप चार पहिया गाड़ी यानी कार में ड्राइवर के अलावा केवल एक व्यक्ति बैठ सकेगा, जबकि दोपहिया वाहनों पर केवल ड्राइवर बैठ सकेगा. साथ ही क्वॉरेंटाइन जिन लोगों किया गया है अगर वह उसका अनुपालन नहीं करते हैं तो आईपीसी की धारा 188 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिला मजिस्ट्रेट को भी कहा गया है कि वे कड़ाई से नियमों का पालन कराएं.
लॉक डाउन के दूसरे चरण में 20 अप्रैल से ग्रामीण और दूरदराज इलाकों के लोगों को राहत देने के लिए छोटे वित्तीय संस्थानों के भी संचालन की अनुमति सरकार ने दी. इसमें कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी, नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल इंस्टिट्यूशन, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी शामिल हैं जो कि मिनिमम स्टाफ के साथ आपरेट कर सकेंगी.
ग्रामीण इलाकों में आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के काम की भी अनुमति सरकार ने दी. इसके अलावा बैंबू कोकोनट ट्राइबल इलाकों में माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस से जुड़े कामों की भी अनुमति दी. लाकडाउन के दौरान ई कामर्स कंपनियां सिर्फ जरूरी सामानों की सप्लाई कर सकेंगी. वहीं गैर जरूरी सामानों पर प्रतिबंध जारी रहेगा.
माइग्रेंट लेबर यानी दिहाड़ी मजदूर को बड़ी राहत, लॉक डाउन के दूसरे चरण में जिन कामों में रियायत दी गई है. उसमें उसका इस्तेमाल किया जा सकता है अगर राज्य सरकार को उचित लगता है तो लेकिन यह काम कुछ शर्तों के साथ होगा, इनके स्वास्थ्य की पूरी जांच होनी चाहिए, प्रदेश के बाहर इनका मूवमेंट नहीं होना चाहिए, और इनका स्किल टेस्ट होना चाहिए.