लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को ले जा रहे वाहन के मालिक समेत तीन लोगों को मानव तस्करी का आरोप लगाकर गिरफ्तार करने वाले इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. साथ ही इस मामले में सात पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर दिया गया है.
पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने रविवार को बताया कि पिछले साल अगस्त में लॉकडाउन के दौरान एक ट्रक 42 प्रवासी मजदूरों को लेकर जा रहा था. रास्ते में कोइरौना थाना क्षेत्र में इंस्पेक्टर संजय राय और उनके सहयोगियों ने उस ट्रक को रोक लिया और सभी मजदूरों को उतारकर ट्रक मालिक चंदन सुभाष चौहान, ट्रक चालक तथा क्लीनर के खिलाफ मानव तस्करी के आरोप में मामला दर्ज कर चालक और क्लीनर को जेल भेज दिया था.
उन्होंने बताया कि पुलिस की इस कार्यवाही के खिलाफ ट्रक मालिक चन्दन सुभाष चौहान ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. अदालत ने पुलिस की इस कार्रवाई को गलत मानते हुए अपर पुलिस महानिदेशक (वाराणसी) को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया था. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक ने इसकी विभागीय जांच अपर पुलिस अधीक्षक (प्रोटोकॉल) अनुराग दर्शन को सौंपी थी. जांच में इसे मानव तस्करी नहीं मानते हुए इसमें लिप्त पांच पुलिस कर्मियों को दोषी पाते हुए अपनी रिपोर्ट दी है.
अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश पर तत्कालीन निरीक्षक संजय राय और वर्तमान में तैनात सब इंस्पेक्टर राम आशीष बिन्द, कांस्टेबल रविंद्र कुमार, विष्णु सरोज और प्रदीप कुमार के खिलाफ शनिवार देर शाम कोइरौना थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. इन सभी को निलम्बित कर दिया गया है.
इसके अलावा उपनिरीक्षक नेमतुल्लाह और हेड कांस्टेबल आद्या प्रसाद यादव को भी विवेचना में लापरवाही बरतते हुए प्रभावी साक्ष्य संकलन ना करने, शिथिलता और उदासीनता बरतकर पुलिस की छवि धूमिल करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.