उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को शिवाजी पार्क में ‘दशहरा रैली’ के लिए हाई कोर्ट से इजाजत मिल गई है. वहीं एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) से बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से दादर से विधायक सदा सरवनकर की याचिका को खारिज कर दिया है. सदा सरवानकर ने अपने आप को मूल शिवसेना बताते हुए दशहरा रैली करने की मांग की थी और उद्धव ठाकरे की याचिका में हस्तक्षेप किया था.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने उद्धव ठाकरे को दशहरा रैली के लिए इजाजत तो दे दी है, लेकिन साथ ही कुछ अहम बातें भी कही है. हाई कोर्ट ने कहा है कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि कानून व्यवस्था बनी रहे. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि इतने वर्षों से आयोजन हो रहा है और अभी तक कोई घटना नहीं हुई है. कोर्ट ने कहा कि सरकार के जीआर में दशहरा रैली आयोजन का तय दिन दिया गया है.
बीएमसी की तरह से वकील मिलिंद साठे ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि शिवसेना के दोनों पक्षों की वजह से कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है. साथ ही होर्डिंग लगाने को लेकर दोनों गुटों में विवाद हो सकता है. उन्होंने कहा कि गणपति उत्सव के दौरान भी शिवसेना के दो गुटों में झड़प हुई थी और यह तनाव अभी भी बरकरार है. मिलिंद साठे ने कहा कि पुलिस ने कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने की सूचना बीएमसी को दी है और शिवाजी पार्क संवेदनशील जगह है.
बीएमसी ने शिवसेना के दोनों गुटों को शिवाजी पार्क में होने वाली रैली के आयोजन की अनुमति नहीं दी थी. यह जानकारी बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने गुरुवार को दी. उन्होंने बताया था कि कानून व्यवस्था के लिहाज से किसी भी एक गुट को रैली की अनुमति देने पर शिवाजी पार्क में गंभीर समस्या हो सकती है, इसलिए बीएमसी ने दोनों गुटों को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की अनुमति नहीं देने की जानकारी एक लेटर भेजकर दी.
गौरतलब है कि शिवाजी पार्क में होने वाली शिवसेना की दशहरा रैली के लिए ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के अनिल देसाई ने 22 अगस्त को बीएमसी से अनुमति मांगी थी. इसके बाद 30 अगस्त को शिंदे गुट के विधायक सदा सर्वंकर ने भी दशहरा रैली आयोजित करने के लिए बीएमसी को आवेदन किया था.