तीन साल पहले की तुलना में 2021 के त्योहारी महीनों के दौरान लोगों द्वारा पर्सनल लोन लेने का आंकड़ा दोगुना हो गया है. गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि यह लोगों में जश्न मनाने के लिए इस तरह के मार्ग का इस्तेमाल करने की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है. क्रेडिट ब्यूरो, क्रिफ हाई मार्क की रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल्य के संदर्भ में व्यक्तिगत ऋण का आंकड़ा 2018 की दिसंबर तिमाही के 75,000 करोड़ रुपये की तुलना में दिसंबर, 2021 की तिमाही में दोगुना होकर 1.47 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया.
इस खंड में चूक भी अधिक होती है, क्योंकि बैंक पर्सनल लोन बिना किसी गारंटी के इस तरह का कर्ज देते हैं. इसके लिए बैंक ऊंचा ब्याज भी वसूलते हैं. इस अवधि में मूल्य के हिसाब से व्यक्तिगत ऋण में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और गैर-बैंक ऋणदाताओं की हिस्सेदारी बढ़ी, जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी में गिरावट आई. रिपोर्ट में कहा गया कि जब मात्रा के संदर्भ में तुलना की गई, तो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी में गिरावट आई. जबकि निजी बैंकों और एनबीएफसी के लिए समान रूप से समीक्षाधीन अवधि के दौरान वृद्धि देखी गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में दोपहिया ऋण मूल्य के संदर्भ में घटकर 15,281 करोड़ रुपये रह गया, जो वित्त वर्ष 2018-19 की समान अवधि में 16,393 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2021-22 की दिसंबर तिमाही में आवास ऋण का आंकड़ा 2018-19 की समान तिमाही से 40 प्रतिशत बढ़कर 1.93 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.