बताया जा रहा है कि अक्टूबर की पहली तारीख से एसबीआई के असोसिएट बैंकों के पुराने चेक अमान्य हो जाएंगे। यानी वे बैंक जिनका एसबीआई में मर्जर हो चुका है उसकी चेकबुक अब किसी काम की नहीं रहेगी। एक ट्वीट में इसकी जानकारी देते हुए एसबीआई ने कहा, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ रायपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंक के खाताधारकों को नई चेक बुक के लिए आवेदन करना होगा।
यही नहीं एसबीआई के साथ मिले असोसिएट बैंकों के आईएफएस कोड भी अमान्य हो चुके हैं। एसबीआई ने अकाउंट क्लोजर पर लगने वाले चार्जेस को भी पूरी तरह खत्म कर दिया है। इसकी जानकारी भी ट्वीट कर देते हुए एसबीआई ने लिखा, ‘रेग्युलर सेविंग्स अकाउंट के बेसिक सेविंग्स अकाउंट में बदले जाने पर लगने वाला चार्ज (500 रुपये+ 18% जीएसटी) 1 अक्टूबर से नहीं लगेगा।’
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जबकि मिनिमम बैलेंस न होने पर मेट्रो शहरों के अकाउंट्स पर 50 से 100 रुपये प्लस 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था। अब यह कम होकर 30 से 50 रुपये हो जाएगा, साथ ही कई अकाउंट कैटिगरीज को इससे बाहर रखा गया है।