‘द बीएमजे’ पत्रिका में प्रकाशित एक स्टडी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोविड-19 रोधी टीके ( Covid-19 Vaccination) की खुराक लेने के बाद तंत्रिका तंत्र संबंधी दुर्लभ बीमारियों का खतरा नहीं बढ़ता है.
हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Infection) के बाद चेहरे की मांसपेशियों को लकवा मारने या उनमें कमजोरी, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में सूजन संबंधी बीमारी इंसेफेलोमाइटिस (Encephalomyelitis) तथा प्रतिरक्षा प्रणाली के नसों पर हमला करने की बीमारी गुलियन बेरी सिंड्रोम (Guillain-Barre syndrome) का खतरा बढ़ जाता है.
ग़ौरतलब है कि पहले ऐसी खबरें आयी थी कि कुछ लोगों को एस्ट्राजेनेका (Oxford AstraZeneca) या फाइजर ( Pfizer-BioNTech) का कोविड-19 रोधी टीका (Covid-19 Vaccines) लगवाने के बाद गुलियन बेरी सिंड्रोम हो गया.
ब्रिटेन स्थित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (University of Oxford) और स्पेन स्थित बार्सिलोना विश्वविद्यालय (University of Barcelona) के अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 रोधी टीकों, सार्स-सीओवी-2 संक्रमण (SARS-CoV-2) और प्रतिरक्षा प्रणाली के नसों पर हमला करने के बीच संबंध का विश्लेषण किया. उन्होंने ब्रिटेन तथा स्पेन में दो बड़े इलेक्ट्रॉनिक प्राथमिक देखभाल स्वास्थ्य रिकॉर्ड के आंकड़ों का इस्तेमाल किया.
दावा किया जा रहा है कि इस अध्ययन में 83 लाख लोगों को शामिल किया गया, जिन्होंने एस्ट्राजेनेका, फाइजर, मॉडर्ना (Moderna) या जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) टीके की कम से कम एक खुराक ली. इसके अलावा इसमें टीके की खुराक न लेने वाले (Unvaccinated) और संक्रमित हुए 7,35,870 लोगों को भी शामिल किया.
अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 संक्रमण के बाद चेहरे की मांसपेशियों को लकवा मारने या उनमें कमजोरी, सेफेलोमाइटिस तथा गुलियन बेरी सिंड्रोम का खतरा उम्मीद से कहीं अधिक रहा. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अन्य अध्ययनों में भी महामारी के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली के नसों पर हमला करने का खतरा बढ़ने की बात कही गयी है.