सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ़ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सभी उम्र की महिलाएं भगवन अयप्पा के दर्शन कर सकेगीं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपने फैसले में कहा कि सभी अनुयायियों को पूजा करने का अधिकार है। लैंगिक आधार पर श्रद्धालुओं से भेदभाव नहीं किया जा सकता।
जहाँ एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लोगों ने खुशी जताई है, वहीँ त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड के अध्यक्ष एम पद्मकुमार का कहना है कि वो फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटीशन दायर करेंगे। ‘द इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन’ ने बीते 800 सालों से सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबन्दी को चुनौती दी थी। वहीँ केरल सरकार पहले ही साफ़ कर चुकी है कि वह मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के समर्थन में है।