HomeNewsसुप्रीमकोर्ट का बड़ा फैसला, महिलाओं के लिए खुले सबरीमाला के दरवाज़े

सुप्रीमकोर्ट का बड़ा फैसला, महिलाओं के लिए खुले सबरीमाला के दरवाज़े

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सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ़ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सभी उम्र की महिलाएं  भगवन अयप्पा के दर्शन कर सकेगीं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपने फैसले में कहा कि सभी अनुयायियों को पूजा करने का अधिकार है। लैंगिक आधार पर श्रद्धालुओं से भेदभाव नहीं किया जा सकता।

जहाँ एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लोगों ने खुशी जताई है, वहीँ त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड के अध्यक्ष एम पद्मकुमार का कहना है  कि वो फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटीशन दायर करेंगे। ‘द इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन’ ने बीते 800 सालों से सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबन्दी को चुनौती दी थी। वहीँ केरल सरकार पहले ही साफ़ कर चुकी है कि वह मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के समर्थन में है।

केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से लेकर 50 साल की उम्र तक की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं है। बताया जाता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे। ऐसे में युवा और किशोरी महिलाओं का मंदिर में वर्जित है। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से लगभग 175 किलोमीटर दूर स्थित सबरीमाला मंदिर चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहाँ नवम्बर से जनवरी तक श्रद्धालु भगवान अयप्पा  के दर्शनों  के लिए जाते हैं। मकर संक्रांति के दिन यहाँ भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिलती है, जबकि बाकी दिनों में यह मंदिर आम भक्तों के लिए बंद रहता है। 
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