मुम्बई पुलिस ने सोमवार को कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) अवसाद में थे. अभिनेता (34) ने बांद्रा स्थित अपने घर में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुम्बई पुलिस को जांच में पता चला है कि अभिनेता अवसाद की दवाइयां भी ले रहे थे. अधिकारी ने बताया कि मौके से कोई पत्र बरामद नहीं हुआ है.
मुम्बई पुलिस (Mumbai Police) के अलावा अपराध शाखा के अधिकारी भी रविवार को उनके किराए के फ्लैट में गए लेकिन कुछ भी संदिग्ध बरामद नहीं हु.राजपूत अपने दो रसोइयों और एक घरेलू सहायक के साथ रहते थे. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का अंतिम संस्कार सोमवार को उपनगरीय विले पार्ले स्थित पवन हंस शमशान घाट में किया जाएगा.
अभिनेता के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि उनके पिता के पटना से मुम्बई पहुंचने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘ अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का अंतिम संस्कार विले पार्ले स्थित पवन हंस शमशान घाट में आज किया जाएगा.’’
पुलिस ने रविवार को बताया था कि अभिनेता ने बांद्रा (Bandra) स्थित अपने घर पर कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. वह 34 साल के थे. पश्चिमी क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनोज शर्मा ने कहा, ‘‘उनका शव आज बांद्रा स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका मिला. हम जांच कर रहे हैं.’’
बांद्रा पुलिस के सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक सूचना के आधार पर आकस्मिक मौत की रिपोर्ट दर्ज की जाएगी. मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर 28 वर्षीय दिशा सालियान ने नौ जून को एक इमारत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
पिछले सप्ताह राजपूत ने सालियान की मौत पर शोक जताया था और इसे ‘‘दिल दहला देने वाली खबर’’ बताया था. उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा था, ‘‘यह बेहद ही दिल दहला देने वाली खबर है. दिशा के परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदना. भगवान आपकी आत्मा को शांति दें.’’
पटना के रहने वाले अभिनेता राजपूत ने सोशल मीडिया पर साझा अपनी आखिरी पोस्ट को अपनी मां को समर्पित किया जिनकी 2002 में उस समय मौत हो गई थी. अपनी मां की तस्वीर के साथ गत तीन जून को इंस्टाग्राम पर साझा की गई पोस्ट में राजपूत ने लिखा था,
“आंसुओं से वाष्पित धुंधला अतीत. खत्म न होने वाले सपने मुस्कुराहट का एक हिस्सा उकेर रहे हैं. और एक क्षणभंगुर जीवन, दोनों के बीच सामंजस्य बनाता हुआ.” राजपूत का झुकाव उस समय नृत्य की ओर हुआ जब वह दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में छात्र थे. वह जल्द ही कोरियोग्राफर श्यामक डावर की नृत्य कक्षाओं में शामिल होने लगे और बाद में वह अभिनय गुरु बैरी जॉन की कक्षाओं में शामिल हुए.