सीरिया के इदलिब प्रांत में हुए एक ‘केमिकल हमले’ में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। मरने वालों में एक दर्जन से ज्यादा बच्चे बताए जा रहे हैं। हमले की चपेट में आने से 400 लोगों की हालत गंभीर हैं। सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (एसओएचआर)के अनुसार हमला इदलिब प्रांत के खान शयखुन कस्बे में हुआ। वहीँ दूसरी तरफ अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने इस हमले के लिए सीरिया के राष्ट्रपति बसर-अल-असद को जिम्मेदार ठहराया है। जब कि सीरिया की सेना इसके पीछे विद्रोहियों का हाथ बता रही है।
चिकित्सक दल के मुताबिक , ऐसा लगता है कि लोगों की मौत दम घुटने से हुई। सीरिया में विपक्षियों की उच्चस्तरीय वार्ता समिति ने ट्विटर पर दावा किया कि इस हमले में करीब 100 लोगों की मौत हुई। फिलहाल यह साफ़ नहीं हो पाया है कि हमले के लिए इस्तेमाल किए गए विमान सीरियाई थे या सरकार के सहयोगी रूस के।
इससे पहले एक फेसबुक पोस्ट में कहा गया था कि क्लोरीन गैस वाले चार थर्मोबेरिक बम गिराए गए। रासायनिक हमले की यह रिपोर्ट सीरिया के भविष्य को लेकर ब्रसेल्स में दो दिवसीय सम्मेलन शुरू होने से पहले आई है, जिसका आयोजन यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र की मेजबानी में हो रहा है।
जब कि इदलिब मीडिया सेंटर से जुड़े फटॉग्रफर हुसैन ने न्यूज एजेंसी AP को बताया कि वह स्थानीय समय 06:30 पर तेज धमाकों की आवाज से उठे। जब वह मौके पर पहुंचे तो वहां कोई गंध नहीं थी। उन्होंने देखा कि लोग जमीन पर पड़े हुए हैं और चल पाने की स्थिति में नहीं थे। इदलिब में चैरिटी ऐम्बुलेंस सर्विस के मुखिया मोहम्मद रूसूल ने बीबीसी को बताया कि उनके डॉक्टरों ने बहुत से लोगों और बच्चों को गलियों में दम घुटते हुए पाया।
वहीँ सीरिया की सेना ने रासायनिक हमले से साफ इनकार किया है। न्यूज एजेंसी SANA ने आर्मी कमांड के हवाले से कहा है कि सेना ने किसी तरह के रासायनिक हथियार का इस्तेमाल नहीं किया है। सेना की ओर से यह भी कहा गया है कि उसने ना तो पहले कभी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया और ना ही भविष्य में ऐसा करेगी। सेना ने विद्रोहियों पर ठीकरा फोड़ा है।
हमले के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया के राष्ट्रपति बसर-अल-असद को जिम्मेदार ठहराया है। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इस नरसंहार के लिए बसर अल असद को जिम्मेदार ठहराया। ओलांद की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘एक बार फिर सीरिया की सरकार नरसंहार की जिम्मेदारी और सबूतों से इनकार करेगी।’ फ्रांस ने इस हमले पर यूनाइटेड नेशंस सिक्यॉरिटी काउंसिल की इमर्जेंसी बैठक बुलाने की अपील की है। ब्रिटेन के विदेश सचिव बोरिस जॉनसन ने कहा कि यदि यह साबित होता है कि इस हमले के पीछे बसर-अल असद सरकार है तो वह वॉर क्राइम के दोषी होंगे।
साथ ही वाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि उसे विश्वास है कि इस अटैक के पीछे बसर-अल-असद की सरकार है। वाइट हाउस के प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने बसर-अल-असद सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि सीरिया के लोगों के हित यही होता कि बसर-अल-असद पद छोड़ देते। संयुक्त राष्ट्र संघ ने हमले की जांच शुरू किए जाने की बात भी कही है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इस घटना पर दुख और आक्रोश प्रकट किया है। उन्होंने सीरिया को रासायनिक हमलों से मुक्त करने के लिए विश्व समुदाय को ऐक्शन लेने को कहा है। ट्विटर पर उनकी ओर से कहा गया, ‘जब मैंने सीरिया में केमिकल अटैक से बच्चों के दम घुटने की तस्वीरें देखीं तो मैं हैरान और दुखी हुआ।’