Tag: Corona Crisis in Bihar

“आइए हम सब मिलकर विजेता बनते हैं और चक्रवर्ती बिहार बनाते हैं”-पुष्पम प्रिया चौधरी

बिहार सिर्फ़ मेरी ज़िम्मेदारी नहीं है, बिहार सिर्फ़ मेरा धम्म (ड्यूटी) नहीं है, आप सबकी ज़िम्मेदारी है.ये कहना है पुष्पम प्रिया चौधरी का।

Bihar Assembly Election 2020 : पुष्पम प्रिया चौधरी का सवाल, आख़िर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला क्यों है बदहाल?

बिहार विधानसभा का चुनाव एक क्रांति है और यह बिहार के लिए है. प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट पुष्पम प्रिया चौधरी ने नालंदा दौरे पर कही.

गुमनामी के अंधेरे में वीरान खंडहर बना बांका का सिरमिक फ़ैक्ट्री

पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि "बाँका की कभी न शुरू हुई सिरामिक फ़ैक्ट्री बिहार के पॉलिसी-मेकर्स की इंडस्ट्रियल और इकॉनॉमिक समझ का बेहतरीन उदाहरण है.

जिस किसान की जिद्द ने गांधी को हराया, उसकी विरासत को बिहार सरकार ने भूलाया : पुष्पम प्रिया चौधरी

प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट पुष्पम प्रिया चौधरी ने राजकुमार शुक्ल के गावँ सतवारिया में उनके परिजनों से मिलने के बाद कहा कि "मोहनदास गांधी को महात्मा बनाने वाले जिद्दी किसान राजकुमार शुक्ल को बिहार सरकार ने भूला दिया है".

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के घर पहुंची पुष्पम प्रिया चौधरी, कहा- “समर शेष है”

पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार की राजनीति में नई किस्म की सकारात्मक राजनीति की लीक खींचने हेतु प्रयासरत है. इसी क्रम में वे अपने प्रिय ओजस्वी कवि का आशीर्वाद लेने सिमरिया उनके आवास पर जून माह के प्रथम सप्ताह में पहुंची थी.

बिहार के “मैंगो मैन” अशोक चौधरी बनें प्लुरल्स सलाहकार परिषद में कृषि-हार्टिकल्चर के एडवाइजर

भागलपुर, बिहार के "मैंगो मैन" अशोक चौधरी को 'प्लुरल्स एडवाईजरी काउन्सिल' में कृषि-हॉर्टिकल्चर डोमेन का एडवाइजर बनाया गया है.

Bihar Assembly Election 2020 : आख़िर बिहार को प्लुरल्स क्यों होना चाहिए? 

प्लुरल्स महज़ एक राजनीतिक दल नहीं है बल्कि एक राजनीतिक क्रांति है जो इस विचार पर आधारित है कि हर एक ज़िंदगी क़ीमती है.

सरकार अपने नागरिकों की बिल्कुल परवाह नहीं करती फिर सरकार ही क्यों है? पुष्पम प्रिया चौधरी ने सरकार पर लगाया प्रश्नचिन्ह !

प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट पुष्पम प्रिया चौधरी ने सरकार के अस्तित्व को लेकर सवाल खड़ा किया है कि यदि राज्य के नागरिक उनकी प्राथमिकताओं में नहीं हैं तो ऐसे सरकार के बने रहने का क्या अर्थ रह जाता है?