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वर्तमान परिदृश्य में अम्बेडकर की पत्रकारिता की प्रासंगिकता

समकालीन भारत में बाबासाहेब को लगा कि समाचारपत्रों में दलित और हाशिये के समाज को प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है इसके लिए उन्होंने मूकनायक (1920), बहिष्कृत भारत (1924), समता (1928), जनता (1930), आम्ही शासनकर्ती जमात बनणार (1940), प्रबुद्ध भारत (1956) समाचारपत्रों का संपादन और लेखन किया.