दिल्ली उच्च न्यायालय ने विशेष विवाह कानून (एसएमए) के तहत विवाहों के लिए आपत्तियां मंगाने को लेकर जारी किए जाने वाले सार्वजनिक नोटिस के प्रावधानों को चुनौती वाली याचिका पर केंद्र और आप सरकार से जवाब मांगा.
उच्च न्यायालय ने फारूक को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी थी और कहा था कि अगर आरोपी अब भी हिरासत में है तो अगले आदेश तक उन्हें रिहा नहीं किया जाए.
दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को बताया था कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सरकार के फैसले को पलट दिया है. जिसके बाद अदालत ने इन याचिकाओं को निस्तारित मान लिया.