धनतेरस पर श्री कुबेर एवं भगवान धन्वन्तरि की वैदिक पूजा कर लोगों ने परिवार की उत्तम स्वास्थ्य, सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। किसानों ने हल बैल से अपने खेतों की पारम्परिक जुताई करके खेतों में धनिया बोया, तो गृहणियों ने घर की मुण्डेर एवं दरवाजों की चौखट पर घी का दीपक जलाकर कुबेर तथा धन्वन्तरि का आँचल फैला कर स्वागत किया।