साल 2017 में भारत ने मोबाइल डेटा इस्तेमाल में अमेरिका और चीन के कुल डेटा कंजंप्शन को भी पीछे छोड़ दिया। 2017 में टेलिकॉम सेक्टर की कहानी पूरी तरह बदल गई, कंपनियों में टैरिफ वॉर चली और कॉल दरें तो लगभग फ्री तक हो गईं। डेटा की बढ़ती मांग को देखते हुए 2018 में सेक्टर की ग्रोथ नई रफ्तार पकड़ेगी और अगले दो सालों में करीब 3 लाख करोड़ रुपये निवेश टेलिकॉम सेक्टर में होने का अनुमान है।