HomeNews1 अक्तूबर से बदलेंगी ये चीजें, पड़ेगा आपकी जेब पर असर

1 अक्तूबर से बदलेंगी ये चीजें, पड़ेगा आपकी जेब पर असर

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1 अक्तूबर 2018 से आपके रोजमर्रा जीवन से जुडी कुछ चीजें बदल जाएँगी। जहाँ एक तरफ पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से आम आदमी बेहाल है, तो वहीँ अब एलपीजी सिलेंडर और सीएनजी के दाम बढने से आम आदमी की जेब पर दोहरी मार पड़ने वाली है।  ऐसा नहीं है कि सरकार द्वारा बीते दिनों लिए गए फैसलों से सिर्फ वस्तुओं के दाम ही बढ़ें हैं, बल्कि कुछ फैसले लोगों को राहत देते भी नजर आयेंगे। तो आईये जानते हैं कि अक्तूबर में किन किन चीजों के दामों में हुई है बढ़ोत्तरी और कहाँ मिलेगी आपको राहत।

1.  बचत योजनाओं पर मिलेगा ज्यादा ब्याज : बीते दिनों केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढाने का ऐलान किया था। नई ब्याज दरें  1 अक्तूबर से लागू होनी हैं। जिससे कि अब सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ, किसान विकास पात्र, सीनियर सिटिजन, सेविंग अकाउंट, जैसी अन्य बचत योजनाओं पर ज्यादा ब्याज मिलेगा।

2. कमोडिटीज मार्केट ऑपरेशंस पर नहीं लगेगा शुल्क : बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज 1 अक्टूबर से कमोडिटी डेरिवेटिव्स में कारोबार शुर करेगा। कमोडिटीज मार्केट को बढ़ावा देने के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने कमोडिटीज मार्केट ऑपरेशंस शुल्क पर भी एक साल की छूट भी दी है।  

3. रसोई गैस हुई मंहगी : सरकार ने जहां एक तरफ छोटे निवेशकों  को राहत देते हुए बचत योजनाओं पर ज्यादा ब्याज देने की घोषणा की है। वहीँ दूसरी तरफ एलपीजी सिलेंडर महंगा होने से लोगों की चिंता बढ़ गई है। रसोई गैस के दाम बढ़ने से सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर 2.89 रुपये और बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर  9 रुपये महंगा हो गया है। जिससे अब सब्सिडी वाला सिलेंडर 502.40 रुपये और बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 879 रुपये में मिलेगा।

4. कॉल ड्रॉप पर लगेगा  जुर्माना : 1 अक्तूबर से ट्राई ने कॉल ड्राप पर टेलीकॉम कंपनियों से जुर्माना वसूलने का फैसला लिया है। मोबाईल उपभोक्ताओं को  कॉल ड्राप से निजात दिलाने के लिए  ट्राई की तरफ से कॉल ड्रॉप की परिभाषा में 2010 के बाद पहली बार बदलाव भी किया गया है ।

5. ऑनलाइन शॉपिंग होगी महँगी : जीएसटी के तहत टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) और टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) के प्रावधान लागू होने से ऑनलाइन शॉपिंग महँगी हो जाएगी है। 1 अक्तूबर से लागू होने वाले प्रावधान के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को टीसीएस (TCS) कलेक्शन के लिए उन सभी राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जहां उसके सप्लायर्स हैं।

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