उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बुजुर्ग संतों, पुजारियों और पुरोहितों के कल्याण के लिए बोर्ड के गठन और 100 दिन के अंदर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली विकसित करने का निर्देश बुधवार को दिया.
मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद के समक्ष धर्मार्थ कार्य, पर्यटन, संस्कृति और भाषा विभागों की कार्ययोजना प्रस्तुतिकरण के बाद अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बीजेपी के लोक कल्याण संकल्प के अनुरूप बुजुर्ग संतों, पुजारियों और पुरोहितों के कल्याण के लिए एक बोर्ड का गठन किया जाना है. इसके लिए कार्यवाही शुरू की जाए. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी ने फरवरी में विधानसभा चुनाव के दौरान पुजारियों और पुरोहितों के हित के लिए कल्याण बोर्ड के गठन का ऐलान किया था.
बैठक के दौरान योगी ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्देश में कहा कि आगामी 100 दिनों के अंदर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिये ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली विकसित की जाये, जिसमें मंदिरों का विवरण, इतिहास, रूट मैप आदि की जानकारी हो. मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया कि उत्तर प्रदेश दिवस की तर्ज पर जनपद, गांव और नगर के इतिहास के प्रमुख दिवस पर विशेष आयोजन कराए जाएं. प्रयागराज, मथुरा, गोरखपुर और वाराणसी में ‘भजन संध्या स्थल’ तैयार कराया जाए.
सीएम योगी ने प्रदेश में चिन्हित 12 परिपथ के विकास के कार्यों को प्रतिबद्धता के साथ पूरा कराने के निर्देश दिए और कहा कि रामायण परिपथ, बौद्ध परिपथ, आध्यत्मिक परिपथ, शक्तिपीठ परिपथ, कृष्ण/ब्रज परिपथ, बुंदेलखंड परिपथ, महाभारत परिपथ, सूफी परिपथ, क्राफ्ट परिपथ, स्वतंत्रता संग्राम परिपथ, जैन परिपथ और ‘वाइल्ड लाइफ एंड इको टूरिज्म परिपथ’ उत्तर प्रदेश में पर्यटन को नई पहचान दें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित, संवर्धित और लोकप्रिय बनाते हुए राज्य को सांस्कृतिक गंतव्य के रूप में प्रतिष्ठित करने का हमारा प्रयास है. प्रदेश में ‘इको एंड रूरल टूरिज्म’ बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए. इसी प्रकार, सभी 75 जिलों में पर्यटन और संस्कृति परिषद का गठन किया जाए.