उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते को अदालत से बृहस्पतिवार को मौलाना कलीम सिद्दीकी की 10 दिन की हिरासत मिली. एनआईए/एटीएस की अदालत ने धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार आरोपी सिद्दीकी को 10 दिन के लिए एटीएस की हिरासत में सौंपने का आदेश दिया है. हिरासत की अवधि 24 सितंबर की सुबह 10 बजे से शुरू होकर चार अक्टूबर की सुबह 10 बजे प्रभावी रहेगी.
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि सिद्दीकी को 21 सितंबर को मेरठ से गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को अदालत में पेश किया गया था और अवैध धर्मांतरण मामले की जांच के लिए उसे 10 दिनों के लिए एटीएस की हिरासत में देने का अनुरोध किया गया था जिसे अदालत ने बृहस्पतिवार को स्वीकार लिया.
उन्होंने बताया कि हिरासत अवधि के दौरान मौलाना सिद्दीकी से उसके संबंधों के बारे में और जानकारी हासिल करने की कोशिश की जाएगी. एटीएएस की अर्जी पर सुनवाई के दौरान आरोपी जेल से अदालत में उपस्थित हुआ. गौरतलब हैं कि 20 जून, 2021 को इस मामले की एफआईआर थाना एटीएस में उपनिरीक्षक विनोद कुमार ने दर्ज कराई थी. एटीएस ने 21 सितंबर को मेरठ के जाने-माने इस्लामिक विद्वान सिद्दीकी को कथित तौर पर “सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट” चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
एटीएस की अर्जी पर बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपी के कब्जे से मोबाइल फोन तथा सात देशी व विदेशी सिमकार्ड बरामद हुए हैं. गौरतलब है कि दिल्ली के जामिया नगर निवासी मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को 20 जून को एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया था जिसके तीन महीने बाद मौलाना सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है .
एटीएस अब तक धर्मांतरण रैकेट के सिलसिले में 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, मौलाना सिद्दीकी 11 वां आरोपी है.
अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों पर उत्तर प्रदेश विधि विरूध्द धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2020 और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.