Covid-19 महामारी को एक अदृश्य दुश्मन करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार इस महामारी की दूसरी लहर से मुकाबले के लिए युद्धस्तर पर कार्यरत है. उन्होंने भरोसा जताया कि देश इस लड़ाई में विजय हासिल करेगा.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) के तहत आर्थिक लाभ की आठवीं किस्त जारी करने के बाद वीडियो कांफ्रेंस से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे मोदी ने टीके को कोरोना से बचाव का बहुत बड़ा माध्यम बताते हुए कहा कि देश भर में टीकों की 18 करोड़ से अधिक खुराक लोगों को दी जा चुकी है.
उन्होंने कहा, ‘‘100 साल बाद आई इतनी भीषण महामारी कदम-कदम पर दुनिया की परीक्षा ले रही है. हमारे सामने एक बहुत अदृश्य दुश्मन है और यह दुश्मन बहुरूपिया भी है. इसके कारण हम अपने बहुत से करीबियों को खो चुके हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बीते कुछ समय से जो कष्ट देशवासियों ने सहा है और जिस दर्द से वह गुजरे हैं, वह मैं भी उतना ही महसूस कर रहा हूं.’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना की दूसरी लहर से मुकाबले में संसाधनों से जुड़े जो भी गतिरोध थे उन्हें तेजी से दूर किया जा रहा है और युद्धस्तर पर काम करने का प्रयास हो रहा है.’’
अपनी बारी आने पर टीकाकरण कराने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि टीका बचाव का एक बहुत बड़ा माध्यम है.
मोदी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार और सारी राज्य सरकारें मिल कर यह निरंतर प्रयास कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा देशवासियों को तेजी से टीका लग पाए. देश भर में अभी तक टीके की करीब 18 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं.’’
उन्होंने कहा कि देश के चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी, सफाई कर्मी, एंबुलेंस ड्राइवर, लैब कर्मचारी, सभी एक-एक जीवन को बचाने के लिए चौबीसों घंटे जुटे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज देश में जरूरी दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है.’’ देश के अलग-अलग हिस्सों में तेजी से ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं और तीनों सेनाएं भी कोविड के खिलाफ जंग में लगातार सक्रियता से अपनी भूमिका निभा रहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘ऑक्सीजन रेल ने कोरोना के खिलाफ बहुत बड़ी ताकत दी है. देश के दूरदराज के हिस्सों में यह विशेष ट्रेनें ऑक्सीजन पहुंचाने में जुटी हैं. ऑक्सीजन टैंकर ले जाने वाले ड्राइवर बिना रुके काम कर रहे हैं.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट के समय दवाइयां और जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी में भी कुछ लोग अपने निहित स्वार्थ के कारण लगे हुए हैं. इसे मानवता के खिलाफ बताते हुए उन्होंने राज्य सरकारों से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत हिम्मत हारने वाला देश नहीं है. ना भारत हिम्मत हारेगा, ना कोई भारतवासी हिम्मत हारेंगे. हम लड़ेंगे और जीतेंगे.’’