दुनिया साईं बाबा को एक योगी, संत और फकीर के तौर पर जानती है. लेकिन साईं बाबा का जन्म कब हुआ था, इसके लेकर कई तरह के मतभेद है लेकिन मान्यताओं के मुताबिक हर साल सितंबर महीने में साईं बाबा का जन्मोत्सव मनाया जाता है.
मान्यता है कि महाराष्ट्र के पथरी में साईं बाबा का जन्म हुआ था और 16 साल की उम्र में साईं बाबा शिरडी पहुंचे थे और कई सालों तक वहां निवास किया. साईं बाबा के चमत्कारों की वजह से लोगों ने उन्हें संत का दर्जा दिया. इन्हीं चमत्कारों के कारण साईं बाबा से लोग जुड़ने लगे और उनके भक्त बनते गए. भक्तों का बाबा पर आज भी अटूट विश्वास देखा जाता है.
माना जाता है कि शिरडी में रहने के बाद साईं कुछ समय के लिए वहां से अचानक से चले गए थे. जब दोबारा कुछ सालों के बाद साईं शिरडी वापस आए तो एक मंदिर के पुजारी ने साईं को देखते ही कहा ‘आओ साईं. इसके बाद से ही शिरडी का फकीर ‘साईं बाबा’ कहा जाने लगा.
आपको बता दें कि शिरडी आने के बाद साईं जिस नीम के पेड़ के नीचे विश्राम करने के लिए बैठे थे, उसी जगह को आज शिरड़ी साईं धाम में गुरु स्थान के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस नीम के पेड़ की पत्ती अब काफी मीठी हो गई हैं.