बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ थाना कोतवाली में तैनात महिला सिपाही मोनिका रावत (25 वर्षीया) ने पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली है। पुलिस को शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। मोनिका रावत ने अपनी सुसाइड नोट में एसएचओ परशुराम ओझा और मुंशी रुखसार अहमद द्वारा ड्यूटी के नाम पर शोषण और उत्पीड़न करने की बात लिखी है। सुसाइड नोट को पहले काफी देर तक उच्चाधिकारी छिपाते रहे,लेकिन अंत में सुसाइड नोट सोशल मीडिया में वायरल हो गया। कई घण्टों के बाद पुलिस अधीक्षक वी.पी.श्रीवास्तव ने मौके पर पहुंच घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। बताते है कि मृतक महिला सिपाही थाने के पास ही एक बैंक के निकट किराए के मकान में रहती थी।
सुसाइड नोट में मृतका ने लिखा है कि वह थाने में सीसीटीएनएस के पद पर तैनात थी और उसकी थाने के बाहर भी बार बार ड्यूटी लगा कर उसको टार्चर किया जा रहा था। जबकि इसी पद पर तैनात अन्य पुलिसकर्मियों की ड्यूटी बाहर नहीं लगाई जाती है। सुसाइड नोट में लिखा गया है कि डिपार्टमेंट में जो हो रहा है उसे होने दो तभी सब खुश रहे सकते हैं। मैंने इसका विरोध किया तो कार्यालय में मौजूद थाना प्रभारी एसएचओ परशुराम ओझा और कार्यालय मुंशी मोहम्मद रुखसार अहमद द्वारा परेशान किया जाने लगा। गैर हाजिरी भी अंकित करा दी गई।
मोनिका रावत ने पत्र में लिखा है कि आज दि0 29/ 09/018 को जब मैं अपनी छुट्टी के लिये एसएचओ परशुराम ओझा के पास गई, तो उन्होंने रजिस्टर फेक दिया और बोले कि हम छुट्टी नही देंगे। पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ सर्किल) के पास जाओ। मुझे समझ मे नही आता कि आखिर जिन छुट्टीयो पर हमारा हक है उनके लिये भी हमे उच्चाधिकारियों के सामने अपने मजबूरियों भीख मांगनी पड़ती है। आखिर कब तक यह सब कर्मचारियों को झेलना पड़ेगा। अगर आज छुट्टी मिल गई होती, तो यह कदम नही उठाना पड़ता और न ही रोना व परेशान होना पड़ता।
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मोनिका रावत मूल रूप से हरदोई जिले निवासी थीं। मोनिका ने अपने सुसाइड नोट में मम्मी पापा से माफी मांगते हुये लिखा है कि सॉरी मम्मी पापा जो भी आप लोगो के साथ गलत किया हो सके तो माफ कर देना।
(शिवरतन कुमार गुप्ता (राज़) की रिपोर्ट )