मुंबई। भारत की मर्चेंट नेवी कैप्टन राधिका मेनन को इंटरनेशनल मैरीटाइम आर्गेनाइजेशन (आइएमओ) ने असाधारण बहादुरी के लिए सम्मानित किया है। आइएमओ से सम्मान पाने वाली राधिका मेनन पहली भारतीय महिला हैं। भारत सरकार ने आइएमओ अवार्ड के लिए मेनन को नामांकित किया था। राधिक मेनन ने जून 2015 में डूब रही ‘दुर्गाम्मा’ नाव पर सवार सभी मछुआरों को बचाने के अभियान को सफल बनाया था। इन मछुआरों की जिस समय जान सांसत में फंसी थी, उस समय भारी बारिश हो रही थी और ‘संपूर्ण स्वराज’ नाम का जहाज ओडिशा के गोपालपुर तट से ढाई किमी दूर समुद्र में मौजूद था। मेनन उस समय जहाज की कैप्टन थीं और उन्होंने बचान अभियान चलाने का निर्देश दिया।
आइएमओ मुख्यालय लन्दन में आयोजित पुरस्कार समारोह में कैप्टन मेनन को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।’ इंटरनेशनल मैरीटाइम आर्गेनाइजेशन द्वारा सम्मानित किये जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं यह पुरस्कार पाकर सम्मानित और अभिभूत हूं। समुद्री सफर करने वालों का कर्तव्य है कि वह मुश्किल में फंसे लोगों की मदद करें और मैंने यही किया है। इंटरनेशनल मैरीटाइम आर्गेनाइजेशन की तरफ से समुद्र में बहादुरी दिखाने के लिए दिए जाने वाले पुरस्कारों के इतिहास राधिका मेनन यह पुरस्कार पाने वाली पहली महिला भी बन गयी है ।