उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मंगलवार शाम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने अपने अहम फैसले में तबादला सत्र (Transfer Session) को शून्य घोषित कर दिया है. कोरोना (COVID-19) के मौजूदा हालात को देखते हुए तबादला सत्र को शून्य घोषित किया गया है. इसके तहत वर्ष 2020-21 के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले पर रोक लगा दी गई है. इसके तहत इस साल आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीपीएस समेत सभी अधिकारियों के ट्रांसफर पर रोक रहेगी.
आदेश में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी के चलते अग्रिम आदेश तक ट्रांसफर पर रोक रहेगी. इसके अलावा सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट), मृत्यु, बीमारी, प्रोन्नति (प्रमोशन), त्यागपत्र (इस्तीफा), निलंबन, बर्खास्तगी से खाली पदों को अनुमोदन लेकर ही मिलेगी तैनाती. अपरिहार्य स्थिति में मुख्यमंत्री से बिना अनुमोदन नहीं होगा कोई भी स्थानांतरण (तबादला). गौरतलब है कि प्रदेश में नई स्थानांतरण नीति के तहत अप्रैल-मई महीने में तबादले किए जाते रहे हैं.
इससे पहले योगी सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के भत्तों पर कैंची चलाई थी. सरकार ने नगर प्रतिकर भत्ता और सचिवालय भत्ता समेत कर्मचारियों के 6 प्रकार के भत्तों को ख़त्म करने का फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि सरकार ने इस पर मुहर भी लगा दी है और जल्द ही वित्त विभाग शासनादेश जारी कर सकता है. अनुमान के मुताबिक, इन भत्तों के खत्म होने से सरकार को एक साल में 1500 करोड़ की बचत होगी.