समाजवादी पार्टी अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरते हुए रविवार को कहा कि सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को ही आईसीयू में भर्ती कर दिया है.
अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा ‘प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं खुद बीमार हो गई हैं. गरीब का इलाज मंहगा तो हुआ ही, अस्पतालों में अव्यवस्था का शिकार भी वही बन रहा है. भाजपा सरकार ने जनता को बेहतर जिंदगी के साधन देने के बजाए प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को ही आईसीयू में भर्ती कर दिया है.
उन्होंने कहा ‘भाजपा को टीके पर दावा क्यों करना चाहिए? यह एक अत्यंत संवेदनशील मसला है. समाजवादी पार्टी का वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर भाजपा की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच एवं भाजपा सरकार की चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है. जनता में भरोसा हो इसके लिए सरकार को टीकाकरण में पारदर्शिता के साथ व्यवस्था की खामियां भी दूर करनी चाहिए.’
अखिलेश ने कहा ‘मथुरा जिला अस्पताल में बुजुर्ग महिला मरीज को स्ट्रेचर तक नहीं मिला. बेटा ठेले पर मां को लादकर अस्पताल पहुंचा. पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. अमेठी के जिला अस्पताल में तो महिला चिकित्सक ही नहीं है. वहां आने वाली बीमार और गर्भवती महिलाओं का कोई हाल पूछने वाला नहीं. किसी महिला को इलाज कराना हो तो उसे 30 किमी दूर जाना पड़ता है.’
उन्होंने कहा ‘भाजपा सरकार की गलत और प्राथमिकता रहित नीतियों के चलते स्वास्थ्य सेवाओं का चरमरा जाना स्वाभाविक है. तमाम अस्पतालों में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के हजारों पद खाली पड़े हैं. ऐसी हालत में लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर और गौरीफंडा के स्वास्थ्य केंद्रों में फार्मेसिस्ट ही अस्पताल चला रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में चिकित्सकों की अनुपस्थिति से झोलाछाप चिकित्सकों का धंधा फल फूल रहा है.’