उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अखिलेश सरकार के कार्यकाल के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग में आई 4000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती रद्द कर दी है। प्रदेश की वर्त्तमान सरकार ने तर्क देते हुए कहा है कि बेसिक शिक्षा विभाग के पास पहले ही तय मानक से ज्यादा उर्दू शिक्षक मौजूद हैं लिहाजा उर्दू शिक्षकों की भर्ती की आवश्यकता नहीं है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार ने 15 दिसंबर 2016 को 4000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती को मंजूरी दी थी। इसके लिए राज्य में सहायक शिक्षकों के खाली चल रहे 16460 पदों में 4000 पद उर्दू शिक्षकों के लिए परिवर्तित कर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी।जिसके लिए मार्च 2017 में काउंसलिंग की डेट भी घोषित की गई थी, लेकिन सरकार बदलने से भर्ती प्रक्रिया अधर में लटक गई। लेकिन अब राज्य की योगी सरकार ने आंतरिक जांच के बाद उर्दू शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को खत्म करने का फैसला लिया है।
इससे पहले अखिलेश सरकार के कार्यकाल दौरान राज्य में तीन बार उर्दू शिक्षकों की भर्ती की गई थी। पहली बार 2013 में उर्दू शिक्षकों की भर्ती के लिए 4280 पदों की घोषणा की गई। फिर दूसरी बार 2014 में और तीसरी बार 2016 में उर्दू शिक्षकों के 3500 पदों के लिए शासनादेश जारी किये गए थे।जबकि 4000 उर्दू शिक्षको की भर्ती का आदेश अखिलेश सरकार द्वारा दिसंबर 2016 में जारी किया था।