लखनऊ के जानकीपुरम थाना क्षेत्र में दरिंदगी का एक सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। दो दरिंदों (मामा भांजे) ने एक 20 साल की युवती को पहले तो अगवा किया और फिर अपनी एक महिला सहयोगी के साथ मिलकर पीड़ित युवती को 19 महीनों तक बंधक बना लगातार दुष्कर्म करते रहे हैं। पेश है “भारतीय समाचार” की पड़ताल…
सरकारों एवं कानून की लाख बन्दिशों के बावजूद महिलाओं के प्रति अपराधों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। मामला प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम थाना क्षेत्र का है। यहॉ की रहने वाली एक 20 वर्षीय युवती के साथ जो कुछ हुआ, उसे सुनकर हर कोई दंग रह जायेगा। जानकारी के मुताबिक पड़ोस के ही एक युवक ने अपने मामा के सहयोग से पहले तो इस युवती का अपहरण किया और उसे 19 माह तक बंधक बनाकर रखा । इस दौरान मामा और भांजे उसके साथ लगातार बलात्कार करते रहे ।
गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद भी पुलिस युवती को नहीं खोजी :-
मिली जानकारी अनुसार फरवरी 2017 में पीड़ित युवती संदिग्ध तरीके से लापता हो गई थी। युवती के परिजनों ने जानकीपुरम थाने में शिकायत की तो पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट तो दर्ज कर ली, लेकिन युवती की तलाश करना उचित नहीं समझा। जिससे आरोपी भी अपने मंसूबे में लगातार 19 महीने तक कामयाब रहे। बीते दिनों किसी तरह युवती उन दरिंदों के चंगुल से भाग निकली और परिजनों व पुलिस को आप बीती बताई। लेकिन अब भी यह हैरान करने वाली ही बात है कि जानकीपुरम थाना पुलिस ने एक माह बीत जाने के बावजूद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है।
पीड़िता की दर्द भरी दास्तां:-
पीड़ित युवती के मुताबिक कि 17 फरवरी 2017 को वह अपने घर से थोड़ी ही दूरी पर कूड़ा फेंकने गई थी। इस दौरान पड़ोस के ही रहने वाले प्रवेश व उसके मामा अरविंद ने उसे अगवा कर लिया। इसके बाद दोनों उसे बख्शी का तालाब इलाके के एक घर में ले गए। वहॉ एक महिला सहयोगी के साथ मिलकर उन्होंने युवती को बंधक बनाये रखा। बकौल पीड़िता, दोनों मामा-भांजे उसके साथ रोजाना हैवानियत करते थे। विरोध करने पर वे उसकी पिटाई की जाती और तरह तरह की यातनाएं भी उसे भुगतनी पड़ती थी। यहाँ तक की युवती को चारपाई में बांध दिया जाता था और भूखा प्यासा भी रखा जाता था। वहीँ सहयोगी महिला दोनों आरोपियों का बलात्कार करने और यातनाएं देने में पूरा साथ देती थी।
आरोपी युवती को जान से मारने की देते रहे धमकी:-
पीड़ित युवती का कहना है कि 31 अगस्त 2018 को वह महिला उसे छठा मील छोड़ गई और किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। जिसके बाद पीड़िता ने एक अनजान शख्स से फोन लेकर अपने भाई को फोन कर मामले की जानकारी दी। आरोप है कि भाई ने जानकीपुरम पुलिस को बताया तो पुलिस ने उसके साथ जाने से मना भी कर दिया, जिसके बाद वह अकेला ही बहन को लेने गया और सीधे उसे लेकर जानकीपुरम थाने पहुंचा। थाने पहुंची पीड़िता ने पूरी दास्तां मुकामी पुलिस समेत अपने परिजनों को बताई। युवती की दर्दनाक कहानी सुनकर परिजनों के होश उड़ गए।
सभी से लगाई न्याय की गुहार:-
वहीँ पीड़िता के भाई का कहना है कि पहले तो बहन की तलाश के लिए उसने मुकामी थाना से लेकर सीएम दफ्तर और तमाम अफसरों समेत क्षेत्रीय विधायक और सांसद तक से अपनी बहन को न्याय दिलाने की गुहार लगाई। लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया, बल्कि सबने सिर्फ आश्वासनों की घुट्टी ही पिलाई। अब सच्चाई सामने आने के बाद भी वह तमाम अफसरों के चक्कर काट चुका है, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। एएसपी टीजी से लेकर एसएसपी लखनऊ व जिलाधिकारी तक से उसने लिखित शिकायत की है।
मिला सिर्फ कार्रवाई का कोरा आश्वासन:-
इस घटना के संबंध में इंस्पेक्टर जानकीपुरम ने बताया कि मामले के विवेचक का बीच में तबादला हो गया था, इस वजह से कार्रवाई में विलंब हुआ। हाल में ही विवेचना नए इंस्पेक्टर को सौंपकर जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। वहीं जब सीओ अलीगंज से उनके सीयूजी नंबर पर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उनका फोन ही रिसीव नहीं हुआ। जबकि एएसपी टीजी हरेंद्र कुमार का कहना है कि मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।