Corona Crisis : आप खुद हैं कोरोना महामारी से बचने की दवा

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आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। ऐसे हालात में आखिर मानवजाति करे तो क्या करे? डर का माहौल चारो तरफ फैला हुआ है। लाखो की तादाद में लोग मर रहे है ऐसे हालात में इन्सान को क्या करना चाहिए, क्या नहीं यह किसी को मालूम नहीं। हर कोई इस महामारी बीमारी से बचना चाहता है, लेकिन कैसे बचे मालूम नही। कुदरत ऐसा कोई चमत्कार नहीं दिखा रही है जिन चमत्कारों के जरिए मानवजाति बच सके। हजारों साल पहले जब भी दुनिया में ऐसी कोई महामारी या बीमारी आती थी तो मानवजाति अपने हाथों को उठा कर मन्दिर मस्जिद में दुआ और प्रार्थना किया करती थी जिससे हमारी जो भी मुश्किलें हुआ करती थीं वह दूर हो जाती थी।

लेकिन आज हमारा दुर्भाग्य है कि मंदिर मस्जिद और गिरजाघर जैसे पवित्र स्थानों पर भी ताले लग चुके हैं, खैर कोई बात नहीं, आपका और हमारा खुदा हमारे दिल मे है, आप को डरने की जरूरत नहीं है। कोरोना बीमारी से बचने की दवा हमारे अंदर भी मौजूद है। इस बीमारी से हम आज बहुत ज़्यादा डरे हुए हैं। ऐसे में अगर बचना है तो सब से पहले टीवी और समाचार को देखना, सुनना हमें बंद करना होगा। अगर देखना ही है तो मनोरंजन जैसी चीजों को देखना और सुनना चाहिए, ताकि हमारा दिमाग संतुलित रहे। हमें अपने दिमाग के अंदर डर को पैदा नहीं करना है जब तक टीवी हम देखना सुनना बंद नहीं करेंगे तब तक कोरोना हमारे अंदर फैलता रहेगा। डर ही एक ऐसी चीज है जो आप के शरीर को कमजोर करता है ऐसे में आप को समझने की कोशिश करनी चाहिए आप मजबूत कैसे बने?

मान लीजिए अंधेरी रात में किसी को जंगल में ले जा कर छोड दिया जाए तो सोचिए की उस इन्सान की सोच किस हद तक डर को पैदा करेगी? आप जानते हैं डर ही ज्यादातर हार्टअटैक का कारण बनता है, आपको पता है कि आपकी सोच ही आप के डर को जन्म देती हैं, एक कहावत है अगर आप डरे तो मरे।

आपने अपने जीवन में हो सकता है, एक कहानी सुनी होंगे कि किसी देश में डॉक्टरो ने एक प्रयोग किया था कि मानवजाति का दिमाग और उसकी सोच किस तरह काम करती है, डॉक्टरों ने ऐसे दो इंसानों को चुना था जिनको वहां की सरकार ने सजा-ए-मौत का हुक्म दिया था। डॉक्टरों ने उन दोनो कैदियों को बताया कि हम एक ऐसा प्रयोग करना चाहते है जिससे मानवजाति का विकास हो सके।

यह सुनकर उन दोनों कैदियों ने यह सोचा कि हमने कभी जीवन में कोई भी अच्छा काम नहीं किया हैं। जिसके जरिए लोग हमे याद रखे। ऐसा मौका इंसानों को बहुत कम मिलता है जो हम दोनों को मिला है क्यों ना हम आने वाली अपनी पीढ़ियों और मानवजाति के विकास के लिए कुछ कर गुजरे।

खैर दोनो कैदी राजी हो गए डाक्टर उन दोनों कैदियों को प्रयोगशाला लेकर गए और इनपर प्रयोग शुरू कर दिया। एक कैदी को कहा हम आपके सामने दूसरे कैदी को सांप से कटवाएंगे। फिर आपको भी उस सांप से आप की आंखों पर पट्टी बांधकर कटवाएंगे। ये देख कर दूसरे कैदी के होश उड़ गए।

दूसरे कैदी के आंखों पर पट्टी बांधकर सांप के बदले उस कैदी को चूहे से कटवाया गया, आपको पता है जब उन दोनो कैदियों का खून लेकर लैब मे जब जांच करवाया गया आप विश्वास नही करेंगे कि दोनों कैदियो के खून में सांप का ही जहर मिला। सोचिए आप का डर आप के शरीर के लिए कितना खतरनाक है आप अपनी सोच को मजबूत बनाइए। अफवाह से बचें और आज जो भी सोशल मीडिया पर दवाइयों के बारे में बताया जा रहा है आप उस पर ध्यान ना देकर किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह मशविरा करके अपना इलाज करवाइएगा।

आपको मालूम है, ऐसा क्यों हुआ? डॉक्टरों ने एक कैदी के आंख पर पट्टी बांध दी और दूसरे कैदी को बोला तुम इसे बस देखो हम इसे सांप से कटवा रहे है और इसके बाद आप को इसी सांप से कटवाएंगे। यह देख कर कैदी बहुत ज्यादा डर गया। जैसे कि हमने आप को ऊपर बताया है इंसान की सोच ही इंसान के शरीर में जहर को पैदा करती है और इंसान की सोच ही उसके शरीर के जहर को खत्म भी करती है। दूसरे कैदी के आंख पर पट्टी बांधकर उसे चूहों से कटवाया गया और उसकी सोच पूरी तरह से मान लिया कि मुझे सांप ने काट लिया है उसकी सोच इतनी मजबूत हो गई कि उसके शरीर में जहर पाया गया।

आपको पता है इतना सब आप को समझाने का मतलब क्या है कि आप सभी लोग अपनी सोच की शक्ति को समझने की कोशिश करें ताकि आप अपने आप को भी बचा सकें और अपने परिवार को भी और इसे भी बड़ी बात है की हमारी सरकार ने जो वैक्सीन यानी जो टीका लेकर आई है हमारे जीवन के लिए सुरक्षित है। किसी के बहकावे में ना आए, टीका जरूर लगवाए। मास्क का इस्तेमाल करें और बिना जरूरत घर से बाहर ना निकलें।

आर राजवर्धन

R Rajvardhan

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