जस्टिस रंजन गोगोई बनेंगे सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस

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जस्टिस रंजन गोगोई के सुप्रीम कोर्ट का अगला मुख्य न्यायाधीश बनने का रास्ता साफ़ हो गया है। वर्तमान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने मुख्य न्यायाधीश पद के लिए जस्टिस रंजन गोगोई का नाम केंद्र सरकार को भेजा है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होंगे। 

जस्टिस गोगोई  साल 2016 में उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज मार्कंडेय काटजू को अवमानना का नोटिस भेजा था। दरअसल, जस्टिस काटजू ने अपने एक फेसबुक पोस्‍ट में सौम्‍या रेप और मर्डर केस में शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए फैसले की आलोचना की थी। हालाँकि अवमानना नोटिस के बाद जस्टिस काटजू सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने फेसबुक पोस्‍ट के लिए माफी मांगी। जस्टिस रंजन गोगोई का नाम सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में भी शामिल हैं, जिन्होंने 12 जनवरी को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के ख़िलाफ़ प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की थी। जस्टिस जे चेलमेश्वर (सेवानिवृत्त),  न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और जस्टिस  कुरियन जोसेफ प्रेस कांफ्रेंस करने वालों में शामिल थे।

असम के रहने वाले जस्टिस रंजन गोगोई, असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे हैं। जस्टिस गोगोई ने 1978 में गुवाहाटी हाईकोर्ट से अपनी वकालत शुरू की थी। समय और अनुशासन के बेहद पाबंद माने जाने वाले जस्टिस गोगोई 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज बने। इसके बाद 2012 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। जस्टिस गोगोई पूर्वोत्तर इलाके से आने वाले देश के पहले मुख्य न्यायाधीश होंगे। 

जस्टिस रंजन गोगोई ने ही अनुसूचित जाति के व्यक्ति को दूसरे राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने का फैसला सुनाया था। इनके अलावा केंद्रीय सेवाओं में जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग के दायरे से बाहर करने वाली बेंच में भी जस्टिस गोगोई थे। कोलकाता हाईकोर्ट के जज जस्टिस कर्णन को 6 महीने की सजा सुनाने वाली पीठ और सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई के लिए हर राज्य में विशेष कोर्ट के गठन का आदेश देने वाली पीठ में जस्टिस गोगोई शामिल थे।

जस्टिस गोगोई एनसीआर (नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) अपडेट करने की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। एनआरसी के पीछे जस्टिस गोगोई और जस्टिस नरीमन की बड़ी भूमिका रही है। जस्टिस गोगोई के आदेश पर ही असम में एनआरसी तैयार किया जा रहा है। एनआरसी के पहले ड्राफ्ट के प्रकाशित होने के बाद 4 लाख लोग इससे बाहर रह गए हैं। इस मामले में अब भी सुनवाई चल रही है।

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