वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, COVID-19 से ज़्यादा ख़तरनाक साबित हो सकती हैं ये बीमारियां

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कोरोना वायरस (Coronavirus) ने जहां एक तरफ़ पूरी दुनिया में दुनिया भर में क़हर मचा रखा है तो वहीं अब एपिडेडियोलॉजिस्ट और मेडिकल एक्सपर्ट्स दूसरी कई बीमारियों और इंफेक्शन से सावधान रहने की हिदायत देते नज़र आ रहे हैं. जो निकट भविष्य में भयानक महामारी का रूप धारण कर सकती हैं. तो चलिए आपको बताते हैं ऐसी बायोलॉजिकल और घातक बीमारियों के बारे में जिन्हें लेकर वैज्ञानिको ने चेतावनी जारी की है.

MERS-COV– ‘दि मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (MERS) भी एक बेहद खतरनाक इंफेक्शन है, जो रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट के जरिए इंसानों में फैलता है. वैज्ञानिक कहते हैं, ‘भले ही इस बीमारी का खौफ आज कम हो गया हो, लेकिन रेस्पिरेटरी हाइजीन में गलती या लापरवाही दुनियाभर में इसके मामले बढ़ने की वजह बन सकती है.’ यह SARS-COV-2 से भी संबंधित एक बीमारी है, क्योंकि दोनों एक ही तरीके से फैलते हैं.

लासा फीवर– लासा बुखार एक वायरल इंफेक्शन है, जो रक्तस्रावी बीमारी (हेमोरेजिक इलनेस) के लक्षणों का कारण बनता है. लासा फीवर की चपेट में आने वाले हर पांचवें शख्स की किडनी, लिवर और स्प्लीन पर बहुत बुरा असर होता है. घर की दूषित चीजों, यूरीन, मल और ब्लड ट्रांसफ्यूशन के जरिए यह बीमारी लोगों में फैल सकती है. अफ्रीकी देशों में यह बीमारी अभी भी उग्र है. सैकड़ों लोगों की जान लेती है और इसकी कोई वैक्सीन भी नहीं है.

मार्गबर्ग वायरस डिसीज– यह बीमारी उसी फैमिली के वायरस फैलती है जो इबोला जैसी खतरनाक बीमारी के लिए जिम्मेदार है. ये रोग बेहद संक्रामक है और जीवित या मृत लोगों को छूने से भी फैल जाता है. इस महामारी का पहला प्रकोप साल 2005 में युगांडा में देखा गया था, जहां इसने संक्रमित हुए 90 प्रतिशत लोगों की जानें ले ली थीं.

डिसीज एक्स– पिछले कुछ समय से डिसीज एक्स का नाम सुर्खियों में काफी ज्यादा है, हालांकि, ये अभी एक आशंका ही है. वैज्ञानिक आगाह कर रहे हैं कि 2021 में ये एक महामारी के रूप में उभर सकता है. करीब चार दशकों से इबोला की महामारी पर काम कर रहे जीन जैक्स मुयेम्बे कहते हैं, ‘दुनिया कोरोना से जूझ रही है और इस बीच एक नए वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है. डिसीज एक्स के कारणों के बारे में फिलहाल वैज्ञानिकों को जानकारी नहीं है, लेकिन ये दूसरी महामारियों से ज्यादा भयानक हो सकता है. वैज्ञानिकों को आशंका है कि इसकी चपेट में आने वाले 80-90 प्रतिशत लोगों की मौत हो सकती है.

इबोला– अफ्रीका से फैलने वाले इबोला का ट्रांसमिशन बहुत तेज नहीं है, लेकिन यह बुखार बेहद घातक है. ये बीमारी जानवरों से इंसान में फैलती है. WHO का दावा है कि इबोला इंसान से इंसान में भी ट्रांसमित होता है. हाल ही में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, इबोला के 3400 मामलों में से 2270 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2020 में इबोला का एक वैक्सीन भी आई थी, लेकिन उसे बड़े पैमाने पर रोलआउट नहीं किया गया. वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर इबोला को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया तो भविष्य में इसके बुरे नतीजे देखने को मिल सकते हैं.

निपाह वायरस– निपाह वायरस को खसरे के वायरस से जोड़कर देखा जाता है जो साल 2018 में केरल में बड़े पैमाने पर फैला था. इस बीमारी को सफलतापूर्वक नियंत्रित कर लिया गया था. लेकिन इसके लक्षण और ट्रांसमिट होने के तरीकों से भविष्य में इसके फैलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. चमगादड़ से इंसानों में फैली इस बीमारी से नवर्स इन्फ्लेमेशन, सूजन, तेज सिरदर्द, उल्टी, चक्कर और घबराहट जैसे लक्षण देखे जाते हैं.

SARS– सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) भी उसी वायरस की फैमिली से आता है जो कोविड-19 के लिए जिम्मेदार है. इस बीमारी का पहला मामला साल 2002 में चीन में दर्ज किया गया था. SARS करीब 26 देशों में फैला और करीब 8,000 लोग इसकी चपेट में आए. इसका डेथ रेट काफी ज्यादा था. लोगों में कोविड के ही लक्षण देखे गए थे. रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट से फैलने वाली इस बीमारी का कोई इलाज भी नहीं था.

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