बहरीन ने चीनी कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है. इससे पहले उसने फाइजर और उसकी जर्मन सहयोगी बायोएनटेक की वैक्सीन को मंजूरी दी थी. बहरीन की सरकारी संवाद समिति ने बताया कि साइनोफार्म वैक्सीन फारस की खाड़ी में सऊदी अरब की तट से दूर स्थित इस द्वीपीय देश में उपलब्ध होगी.
संयुक्त अरब अमीरात की ही तरह उसने भी इस वैक्सीन के रिसर्च परिणाम के बारे में बहुत कम जानकारी दी है. संयुक्त अरब अमीरात ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि यह टीका 86 फीसदी प्रभावी है. उसने अपने बयान में बहुत कम जानकारी दी थी लेकिन वह इस टीका के प्रभावी होने के बारे में पहली सार्वजनिक विज्ञप्ति थी.
बहरीन ने कहा कि देश में 7700 से अधिक लोगों ने साइनोफार्म वैक्सीन के परीक्षण में हिस्सा लेने के लिए सहमति दी है. पहले उसने कहा था कि उसकी योजना लोगों को मुफ्त कोरोना वायरस वैक्सीन देने की है लेकिन उसने अपने इस कार्यक्रम के बारे में अब तक किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया है.
फाइजर ने अपने जर्मन पार्टनर बायोएनटेक के साथ BNT162b2 नाम से COVID-19 mRNA वैक्सीन विकसित की थी जिसकी 2020 में 50 मिलियन से अधिक खुराक और 2021 के अंत तक 1.3 बिलियन खुराक का उत्पादन करने की उम्मीद है.
फाइजर की वैक्सीन को इंग्लैंड, बहरीन और कनाडा में मंजूरी मिल चुकी है. कंपनी ने पिछले हफ्ते ही भारत में वैक्सीन के इमरजेंसी प्रयोग की अनुमति के लिए अदर पूनावाला के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता और भारत बायोटेक के देशी तौर पर विकसित कोवाक्सिन के साथ अपील की है.