महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में इंसानियत को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है. जहां कोरोना संक्रमण से हुई एक शख़्स की मृत्यु के बाद कूड़ा उठाने वाले वाहन के जरिये उसके शव को श्मशान पहुंचाया गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि लाख कोशिशों के बावजूद भी एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई और निजी वाहनों ने शव को श्मशान तक पहुंचाने से मना कर दिया था.
धोल्की पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना सोमवार की है जब किसी गांव का एक व्यक्ति सात किलोमीटर दूर नजदीक के तेर गांव में डॉक्टर के पास गया और वहीं उसके क्लीनिक के बाहर गिर गया.
इस घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी गयी जिसके बाद सरकारी अस्पताल की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची. उस व्यक्ति की रैपिड एंटीजन जांच किए जाने पर वह कोरोना से संक्रमित पाया गया.
अस्पताल के कर्मचारियों ने आवश्यक कार्रवाई पूरी करने के बाद शव को गांव के लोगों के हवाले कर दिया. गांव के सरपंच विजय हजगुड़े ने बताया कि मृतक के शव को श्मशान घाट ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था करने की कोशिश की गयी, लेकिन तेर अस्पताल की एम्बुलेंस एक गर्भवती महिला को ले जाने के लिए बुक थी. दुगना किराया देने की पेशकश करने के बाद बावजूद निजी वाहनों ने भी श्मशान घाट जाने से इनकार कर दिया.
अंत में शव को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए एक कूड़ा उठाने वाली गाड़ी का इस्तेमाल किया गया.