Uttar Pradesh : मथुरा में धूमधाम से मनाई गई श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी, मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़

मथुरा (Mathura) श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) के अवसर पर ब्रजभूमि में धार्मिक उत्साह और उमंग के बीच सैकड़ों विदेशियों सहित भारी संख्‍या में कृष्ण भक्तों ने विभिन्न कृष्ण मंदिरों में शुक्रवार को पूजा-अर्चना की और धूमधाम से उत्‍सव में भाग लिया.

श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि देश आज भगवान कृष्ण की 5248वीं जयंती मना रहा है और देश-विदेश के श्रद्धालु इस अवसर पर पूरे दिन से विभिन्न अनुष्ठान में हिस्सा ले रहे हैं. उत्सव में हजारों श्रद्धालुओं (Devotees) ने श्री कृष्ण जन्मस्थान के विशाल प्रांगण में जन्‍माष्‍टमी की शुरुआत सुबह से शहनाई और ढोल की धुन पर नृत्य करके अपनी खुशी व्यक्त करते हुए की.

शर्मा ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित गर्भ गृह वह शुभ स्थान है जहां हजारों साल पहले कृष्ण ने अवतार लिया था. उन्होंने कहा कि भागवत भवन मंदिर में मध्यरात्रि में भगवान के ‘अभिषेक’ की तैयारी जोरों पर है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान के प्रांगण में आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. वृंदावन स्थित प्राचीन राधा रमण मंदिर, राधा दामोदर मंदिर और टेढ़े खंबेवाला मंदिर में भी श्रद्धालुओं की सक्रियता देखी गई. सबसे अधिक भीड़ राधा रमण मंदिर में थी .

बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में शुक्रवार को आधी रात के बाद होने वाले मंगला दर्शन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. मंदिर के पुजारी ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी ने कहा, ‘यह मंदिर का सबसे शुभ समारोह है जो साल में एक बार होता है. द्वारकाधीश मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी और कानूनी सलाहकार राकेश तिवारी ने बताया कि करीब एक घंटे तक चले प्रधान देवता के अभिषेक समारोह के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर में पूजा-अर्चना की.

जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कहा कि मथुरा-वृंदावन में व्‍यापक सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं.कई लाख लोगों ने मथुरा, वृंदावन, गोकुल, नंदगांव और गोवर्धन के मंदिरों के प्रमुख देवताओं की पूजा की, वहीं बड़ी संख्‍या मे लोगों ने शुक्रवार को गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा भी की. मथुरा के प्रमुख चौराहों को विशेष रूप से इस अवसर के लिए सजाया गया है जिससे पूरा शहर उत्सव के रंग में रंगा हुआ है.

उल्‍लेखनीय है कि देश दुनिया में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव रात 12 बजे मनाया जाता है लेकिन वृन्दावन के सप्तदेवालयों में शामिल ठाकुर राधारमण, ठाकुर राधा दामोदर, ठाकुर शाह बिहारी आदि कुछ मंदिर ऐसे हैं, जहां विभिन्न कारणों से भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव दिन में मनाया जाता है.

पौराणिक चर्चाओं के अनुसार, आचार्य गोपालभट्ट की साधना से प्रसन्न होकर शालिग्राम शिला से ठाकुर राधारमणलालजू ने विग्रह रूप भोर में लिया था, इसलिए मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव दिन में मनाया जाता है.

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