केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) संसद परिसर की सुरक्षा औपचारिक रूप से संभालने की तैयारी में हैं। इसके 3,300 से अधिक कर्मियों की टुकड़ी को 29 अधिकारियों के साथ औपचारिक रूप से तैनाती की जा रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि 29 अधिकारी 3,317 पुरुष और महिला कर्मियों उस टुकड़ी का नेतृत्व करेंगे, जिसमें एक उप महानिरीक्षक (डीआईजी), एक वरिष्ठ कमांडेंट, दो कमांडेंट, 7 डिप्टी कमांडेंट और 18 सहायक कमांडेंट करेंगे। सूत्रों ने बताया कि इनमें से दो अधिकारी अग्निशमन शाखा के हैं क्योंकि बल ने यहां अपनी अग्निशमन इकाई भी तैनात की है।
गत मई महीने में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और दिल्ली पुलिस से ये कार्यभार संभालने के बाद से केंद्रीय बल स्वतंत्र रूप से संसद की सुरक्षा कर रहा है। संसद पर 13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकी हमले की बरसी पर पिछले साल संसद की सुरक्षा में चूक की घटना सामने आई थी। इसके बाद संसद की सुरक्षा के लिए CISF को तैनात किया गया।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से सदन के भीतर कूद गए थे और कनस्तरों से पीला धुआं छोड़ा था तथा सांसदों द्वारा पकड़े जाने से पहले नारे लगाए थे। उस दिन लगभग उसी समय, दो अन्य लोगों ने संसद परिसर के बाहर नारे लगाते हुए कनस्तरों से रंगीन धुआं छोड़ा था।
सूत्रों ने बताया कि इन अधिकारियों को मई-जून से संसद परिसर भवन में CISF की अस्थायी ‘‘आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पैटर्न’’ तैनाती के हिस्से के रूप में पहले से ही तैनात किया गया था, लेकिन इस संबंध में औपचारिक आदेश मंगलवार को जारी किए गए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 22 जुलाई को संसद का अगला सत्र शुरू होने से पहले इस शस्त्र बल को औपचारिक रूप से संसद भवन परिसर की सुरक्षा ड्यूटी में तैनात किया जाएगा। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और दिल्ली पुलिस संसद तक जाने वाले मार्गों की निगरानी करेंगे जैसा कि हाल ही में समाप्त हुए सत्र के दौरान किया गया