लद्दाख सीमा पर चीन के साथ गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि भारत अपने ‘‘राष्ट्रीय गौरव’’ के साथ कभी समझौता नहीं करेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा क्षमता बढ़ी है और अब यह ‘‘कमजोर’’ देश नहीं रहा है.
जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) के लिए डिजिटल तरीके से ‘जन संवाद’ रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने विपक्ष को भी आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार सीमा पर किसी भी घटनाक्रम के बारे में संसद या किसी को भी अंधेरे में नहीं रखेगी और उचित समय पर जानकारियां साझा करेगी.
सिंह ने कहा, ‘‘मैं यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रीय गौरव से समझौता नहीं करेंगे. भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में मजबूत हो गया है. भारत अब कमजोर देश नहीं रहा है. लेकिन यह ताकत किसी को डराने के लिये नहीं है. अगर हम अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं तो अपने देश की सुरक्षा के लिए कर रहे हैं.’’
भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पांच सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. चीनी सेना के जवान बड़ी संख्या में पैंगोंग सो समेत अनेक क्षेत्रों में सीमा के भारतीय क्षेत्र की तरफ घुस आए थे.
भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के उल्लंघन की इन घटनाओं पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करती रही है और उसने क्षेत्र में अमन-चैन की बहाली के लिए चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की है. दोनों पक्षों ने पिछले कुछ दिन में विवाद सुलझाने के लिए श्रृंखलाबद्ध बातचीत की है.
भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि चीन ने बातचीत के जरिए भारत के साथ विवाद को हल करने की इच्छा जताई है और भारत सरकार की भी ऐसी ही राय है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी भी सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के जरिए भारत और चीन के बीच तनातनी को खत्म करने की कोशिश है.’’ उन्होंने कहा कि दोनों देश सैन्य स्तर पर संवाद कर रहे हैं.
विवाद के संदर्भ में सिंह ने कहा कि भारत और चीन के बीच एक विवाद खड़ा हुआ है और कुछ लोग पूछ रहे हैं कि ‘‘लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर क्या हो रहा है.’’ उन्होंने कहा कि लोगों को समय-समय पर चल रहे घटनाक्रम के बारे में सूचित किया गया है. रक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका को महत्व देती है और उसका सम्मान करती है.