झारखंड के सरकारी अस्पताल में कोरोना की जांच के लिए सैंपल लेते वक्त एक गर्भवती महिला के गले में किट टूटकर गिर गया. इसके बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गयी. इस महिला को बोकारो से धनबाद रेफर करना पड़ा. कोरोना जांच के दौरान हुआ यह हादसा अपनी तरह का संभवत: देश का पहला मामला है.
मामला बोकारो जिला के बोकारो सदर अस्पताल का है. यहां कोविड-19 सेंटर में आयी गर्भवती महिला की कोरोना जांच के लिए उसका सैंपल लिया जा रहा था. इसी दौरान टेस्ट किट महिला के गले में टूटकर फंस गया. इसके बाद अस्पताल के कर्मचारियों के हाथ-पांव फूल गये.
पूरे सदर अस्पताल में अफरा-तफरी मच गयी. सभी चिकित्साकर्मी परेशान हो गये. इसकी सूचना बोकारो के सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार पाठक को दी गयी. डॉक्टर पाठक आनन-फानन में सदर अस्पताल पहुंचे. सिविल सर्जन ने पीड़ित महिला को बेहतर इलाज के लिए धनबाद के पीएमसीएच भेज दिया.
सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार पाठक ने इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार किया है. दूसरी तरफ, इस मामले के बाद महिला और उसका परिवार काफी परेशान हो गया. जैसे ही किट टूटकर गले में फंसने की जानकारी मिली, अस्पताल में चिकित्साकर्मियों और चिकित्सकों का जमावड़ा लग गया.
महिला के गले से टूटा हुआ किट निकालने का बहुत प्रयास किया गया, लेकिन किट को निकाला नहीं जा सका. बताया जा रहा है कि पीड़ित महिला उमा देवी चास फल मंडी की रहने वाली है.
सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार पाठक ने कहा है कि इसे लापरवाही नहीं मान सकते. हां, टेक्नीशियन को सावधानी से काम करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि यह कोई बड़ी गंभीर बात नहीं है. ऐसा नहीं है कि किट को निकलाने के लिए कोई ऑपरेशन ही करना पड़े.
उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला को बेहतर इलाज के लिए धनबाद के पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल भेज दिया गया है. वहां उपलब्ध उपकरणों के जरिये आसानी से टूटे हुए किट को महिला के गले से निकाल लिया जायेगा.
Source : Prabhat Khabar