बांग्लादेश की एक अदालत ने दस साल पहले राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में छह छात्रों को लुटेरे समझकर पीट-पीटकर जान से मारने के मामले में 13 दोषियों को मौत और 19 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
ढाका के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की न्यायाधीश इसमत जहां ने यह आदेश सुनाया. न्यायाधीश ने मौत की सजा पाने वाले दोषियों पर 20-20 हजार टके जबकि आजीवन कारावास की सजा पाने वालों पर 10-10 हजार टके का जुर्माना भी लगाया.
इस मामले में 60 लोगों हत्या के आरोपी थे. सुनवाई के दौरान तीन लोगों की मौत के बाद आरोप पत्र से उनका नाम हटा दिया गया.
अभियोजन पक्ष के वकीलों ने कहा कि 57 में 40 आरोपी जेल में है जबकि एक जमानत पर है. शेष को भगोड़ा मानकर उनके खिलाफ मुकदमा चलाया गया। न्यायाधीश ने इनमें से 25 को बरी कर दिया.
ढाका के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ रहे सात दोस्त 18 जुलाई 2011 को शब-ए-बारात पर ढाका के बाहरी इलाके में सावर थानांतर्गत अमीन बाजार ब्रिज गए थे. इस दौरान स्थानीय लोगों के एक समूह ने लुटेरे होने का आरोप लगाकर उनमें से छह को पीट-पीटकर जान से मार डाला.