बहन के विवाह समारोह में हिस्सा लेना जमानत मंजूर करने के लिए असाधारण परिस्थिति नहीं : अदालत

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राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने 2020 के ‘पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों’ के एक आरोपी को उसकी बहन की शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि ऐसी राहत केवल ‘असाधारण परिस्थितियों’ में ही दी जाती है।

अदालत ने कहा कि बहन के विवाह समारोह में शामिल होना कोई असाधारण परिस्थिति नहीं है, जिसके तहत पहले पांच मौकों पर आरोपी को गुण-दोष के आधार पर अंतरिम जमानत देने से इनकार करने के फैसले को नजरअंदाज किया जाए।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले के आरोपी मोहम्मद वसीम की छठी अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। वसीम के खिलाफ दयालपुर पुलिस थाने में दंगा सहित भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों, शस्त्र अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान-रोधी अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को पारित एक आदेश में कहा, ‘‘आवेदक को अब तक मामले के गुण-दोष के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया गया है। अंतरिम जमानत केवल असाधारण परिस्थितियों में दी जाती है और बहन की शादी एवं अन्य समारोहों में भाग लेना उस तरह की असाधारण परिस्थिति नहीं है, जिसके कारण अदालत को अब तक के अपने उस फैसले को नजरअंदाज करना चाहिए, जिसके तहत आवेदक को योग्यता के आधार पर जमानत देने से इनकार किया जाता रहा है।’’

प्रमाचला ने कहा, ‘‘इसलिए, मैं याचिकाकर्ता की ओर से पेश आधार पर अंतरिम जमानत देने को लेकर इच्छुक नहीं हूं, क्योंकि समारोह में शामिल होना केवल उसकी इच्छा है। शादी की व्यवस्था परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा की जा सकती है।’’

हालांकि, अदालत ने वसीम को हिरासती पैरोल में शादी में शामिल होने का विकल्प प्रदान किया, बशर्ते वह इसके लिए आवश्यक खर्च का भुगतान करे।

अदालत ने कहा, “आवेदक को संबंधित जेल अधीक्षक के समक्ष इस विवाह स्थल का विवरण प्रस्तुत करना होगा और हिरासती पैरोल के लिए अपेक्षित शुल्क या खर्च जमा करने पर उसे 23 जुलाई को चार घंटे के लिए विवाह स्थल पर ले जाया जाना चाहिए।”

विशेष लोक अभियोजक मधुकर पांडे ने सुनवाई के दौरान जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वसीम को भगोड़ा घोषित किया गया था और पिछले साल 28 सितंबर को काफी प्रयास के बाद उसे गिरफ्तार किया जा सका था।

वसीम के वकील ने अंतरिम जमानत याचिका दायर कर अपनी बहन की शादी और अन्य संबंधित समारोहों में शामिल होने के लिए 30 दिनों की अंतरिम जमानत की मांग की थी।

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