सभी अस्पताल कोरोना के इलाज पर आने वाला खर्च साझा करें: दिल्ली सरकार

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सोशल मीडिया पर एक निजी अस्पताल में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के इलाज में अत्यधिक खर्च आने की चर्चा होने के बीच दिल्ली (Delhi) के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Health Minister Satyendra Jain) ने कहा कि उन्होंने सभी अस्पतालों से शुल्क का ब्योरा मांगा है. साथ ही, इसका अवलोकन करने के बाद कोई कदम उठाने के बारे में निर्णय किया जाएगा.

सरकारी नोटिस के मुताबिक, 16 जून को होने वाली डीडीएमए की बैठक में निजी अस्पतालों और एम्बुलेंस के शुल्क की अधिकतम सीमा तय किए जाने के साथ ही कोविड-19 (COVID-19) परीक्षण की कीमत कम किए जाने को लेकर भी चर्चा होगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल  (CM Arvind Kejariwal)और उपराज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) भी मौजूद रहेंगे.

मैक्स अस्पताल (Max Hospital) की दर सूची (रेट कार्ड) शुक्रवार को सोशल मीडिया पर फैल गया जहां कई लोगों ने इस बात का जिक्र किया कि आम आदमी के लिए यह शुल्क अत्यधिक है. दर सूची में यह अंकित है कि अस्पताल वेंटिलेटर (Ventilator) के साथ आईसीयू (ICU) के लिए 72,000 रुपये ले रहा है.

वहीं, अस्पताल चलाने वाले मैक्स हेल्थकेयर( Max Healthcare) ने कहा कि सोशल मीडिया पर मौजूद इस दर सूची में सभी तथ्य शामिल नहीं हैं, जैसे कि नियमित जांच, नियमित दवाइयां, चिकित्सक और नर्स के शुल्क आदि को शामिल किया जाना. जैन ने कहा, ‘‘सभी अस्पतालों से यह कहा गया है कि वे कोविड-19 के इलाज की शुल्क दर साझा करें. आगे क्या करना है, इस बारे में हम प्रत्येक अस्पताल का अवलोकन करने के बाद फैसला करेंगे.’’


वहीं, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग (Delhi Health Department) के बुलेटिन के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को कोरोना वायरस के 2,134 नए मामले सामने आए, जिसके बाद यहां कुल संक्रमित लोगों की संख्या 38,958 हो गई जबकि मौत के 57 नए मामलों के साथ ही मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,271 हो गया.

वही दिल्ली सरकार ने 10-49 बिस्तर की क्षमता वाले सभी छोटे एवं मध्यम मल्टीस्पेशलिटी नर्सिंग होम (Multi Speciality Nursing Home) को शनिवार को ‘कोविड-19 नर्सिंग होम’ घोषित कर दिया है. आधिकारिक बयान के मुताबिक, कोरोना वायरस के मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या में वृद्धि करने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है.

आदेश के मुताबिक, केवल विशेष तौर पर आंख, कान एवं गले का इलाज करने वाले केंद्रों, डायलिसिस केंद्रों, प्रसव गृहों और आईवीएफ केंद्रों को इससे छूट दी गई है.

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