गुमनामी के अंधेरे में वीरान खंडहर बना बांका का सिरमिक फ़ैक्ट्री

Must Read
Bhartiya Samachar
Bhartiya Samachar
भारतीय समाचार | भारत की ताजा खबर| लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट, हिंदी समाचार
“बांका जिले में विकास की तस्वीर कुछ और होती अगर सिरेमिक फ़ैक्ट्री चल रही होती परंतु सरकारों ने पूरी फ़ैक्ट्री को खंडहरों में बदल दिया है क्योंकि नेताओं के पास न तो नीति है और नीयत” यह कहना था प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट पुष्पम प्रिया चौधरी का, जो पहली जुलाई को बांका के सिरेमिक फ़ैक्ट्री देखने आई थी. पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि “बाँका की कभी न शुरू हुई सिरामिक फ़ैक्ट्री बिहार के पॉलिसी-मेकर्स की इंडस्ट्रियल और इकॉनॉमिक समझ का बेहतरीन उदाहरण है. 32 एकड़ क़ीमती ज़मीन, रूस से आयातित मशीनें, समुखिया की चूना और अबरख खदानों पर भरोसा और 10,000 रोज़गार का वादा परंतु 1984 से अभी तक भूत-बंगलों का मैदान में बदल चुका है. बांका में न तो खदानें खुदीं, न इंडस्ट्री खुली और न रोज़गार मिला! पर अब 2020-30 बाँका और बिहार के पुनर्निर्माण का अंतिम अवसर है”. 32 एकड़ में निर्मित इस परिसर में 51 फ्लैट भी बने थे जो अब खंडहरों में तब्दील होकर सरकारों की उपेक्षा पर विलाप कर रही है. साल 1984 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह ने इस फ़ैक्ट्री का निर्माण कराया था ताकि इस क्षेत्र के चूना पत्थर की खानों का उपयोग करके लोगों को रोजगार दिया जा सके. यंहा की फ़ैक्ट्री में चीनी मिट्टी के बिजली के सामान और खिलौने का निर्माण किया जाना था. परंतु, यह फ़ैक्ट्री सरकारों की उपेक्षा का स्वर्णिम उदाहरण है कि किस तरह सरकारें काम करती है. पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि “बाँका में चूना-अबरख की खदानें नहीं ही खुदीं. दूसरी तरफ जमुई के सोनो में सोने के भंडार की खुदाई का वादा भी नक़ली नेताओं के वादों की तरह 1990 से अधूरी हैं”.सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि “बस एक मिथक गढ़ दिया गया कि सब कुछ झारखंड चला गया” परंतु जो रह गया उस तक कभी सरकार ने अपनी सोच और पहुंच स्पष्ट नहीं किया क्योंकि उनके पास न तो नीयत है और न ही विज़न है. जमुई में ज़मीन के अंदर और ज़मीन के ऊपर अकूत एवं अद्भुत सम्पदा है जिसका 2020-30 में सदुपयोग वहाँ के लोगों के असली विकास में करना है, स्वर्ग जैसी वादियों की सुरक्षा करते हुए! 1984 के बाद कई सरकारें बदली, कई सांसद-विधायक बदले पर नहीं बदल सकी तो बांका के सिरेमिक फ़ैक्ट्री की नियति. “अब वक़्त आ गया है विकास का” प्लुरल्स की प्रेसिडेंट ने कहा

Bhartiya Samachar

भारतीय समाचार | भारत की ताजा खबर| लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट, हिंदी समाचार

- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -
Latest News
- Advertisement -

More Articles Like This

- Advertisement -
- Advertisement -