सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर मोदी सरकार से पूछे 9 सवाल

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नईदिल्ली: नोटबंदी पर कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच हो रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार के इस फैसले पर कई संवैधानिक सवाल खड़े किए हैं, सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर संवैधानिक सवालों के जवाब के लिए 5 जजों की बेंच के गठन का फैसला लिया है। जो 8 नवंबर के मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की वैधता की जांच करेगी। आईये जानतें हैं की आखिर वो सवाल हैं क्या ?

क्या 8 नवंबर को जारी नोटिफिकेशन आरबीआई एक्ट, 1954 की धारा 26(2), 7, 17 आदि का उल्ंघन है?
क्या नोटिफिकेशन से संविधान की धारा 300 (ए) का उल्लंघन हुआ है? 
क्या नोटिफिकेशन, संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 के तहत मिले नागरिकों के अधिकार के विपरीत है? 
8 नवंबर को जारी नोटिफिकेशन को लागू करने में कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन तो नहीं किया गया? 
बैंकों और एटीएम से अपने पैसों को निकालने की सीमा तय करना अनुच्छेद 14, 19, 20 और 21 का उल्लंघन तो नहीं? 
क्या सहकारी बैंकों में डिपोजिट और विथड्रॉल पर लगाई गई रोक सही है? 
क्या संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत राजनीतिक पार्टियां सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर सकती हैं? 
जिस आरबीआई एक्ट की धारा 26 (2) के तहत नोटबंदी की गई, उस एक्ट में जरूरत से ज्यादा विधायी शक्ति तो नहीं दी गई है? 
सरकार के इकनॉमिक और फिस्कल पॉलिसी के ज्यूडिशियल रिव्यू का स्कोप क्या है?

इसके पहले  सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी से संबंधित केसों को हाई कोर्ट और लोअर कोर्ट में चलाने पर पाबंदी लगा दी। अब इस मामले की सुनवाई सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी लागू करने में लगी सरकार से कहा है कि वह सुनिश्चित करें कि किए गए वादे के मुताबिक जनता को हर सप्ताह 24,000 रुपए कैश मिले।

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