Zaki-ur-Rehman Lakhvi को Terror Funding केस में 15 साल की सजा, 26/11 हमले का है मास्टरमाइंड

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लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशनंस कमांडर आतंकी जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान में टेरर फ़ंडिंग केस में 15 साल की सजा सुनाई गई है. टेरर फंडिंग से जुड़े एक मामले में बीते दिनों ही लखवी को गिरफ्तार किया गया था, अब शुक्रवार को लाहौर की एंटी टेररिज्म कोर्ट ने उसकी सजा का ऐलान किया है. आपको बता दें कि जकीउर रहमान लखवी साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी था.

लाहौर में जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ टेरर फंडिंग का मामला दर्ज है. उसपर आरोप था कि डिस्पेंसरी के नाम पर पैसा इकट्ठा करता था और उसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में करता था. मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल नए आतंकियों को तैयार करने में किया जाता था.

आपको बता दें कि जकीउर रहमान लखवी को संयुक्त राष्ट्र द्वारा भी आतंकी घोषित किया हुआ था, जो लंबे वक्त से गिरफ्तार से बाहर था. लेकिन हाल ही में FATF की बैठक से पहले पाकिस्तान में उसपर एक्शन लिया गया और जेल में डाला गया.

मुंबई में हुए आतंकी हमले के मामले में हाफिज़ सईद के साथ जकीउर रहमान लखवी भी आरोपी है. इस मामले में भी उसे जेल हुई थी, लेकिन 2015 से ही वो बेल पर बाहर है. बीते दिनों हुई उसकी गिरफ्तारी पर अमेरिका की ओर से भी संतोष जाहिर किया गया था.

आपको बता दें कि जनवरी-फरवरी में फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स की बैठक होनी है, ये संस्था देशों को आतंक के खिलाफ लड़ने के लिए पैसा देती है. लंबे वक्त से पाकिस्तान पर यहां ग्रे लिस्ट में जाने की तलवार लटकी है, ऐसे में हर बार ऐसा देखा गया है कि बैठक से ठीक पहले पाकिस्तान आतंकियों पर शिकंजा कसता है. और ये सब कुछ सिर्फ दिखावे के लिए किया जाता है.h

लाहौर में जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ टेरर फंडिंग का मामला दर्ज है. उसपर आरोप था कि डिस्पेंसरी के नाम पर पैसा इकट्ठा करता था और उसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में करता था. मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल नए आतंकियों को तैयार करने में किया जाता था.

मुंबई में हुए आतंकी हमले के मामले में हाफिज़ सईद के साथ जकीउर रहमान लखवी भी आरोपी है. इस मामले में भी उसे जेल हुई थी, लेकिन 2015 से ही वो बेल पर बाहर है. बीते दिनों हुई उसकी गिरफ्तारी पर अमेरिका की ओर से भी संतोष जाहिर किया गया था.

आपको बता दें कि जनवरी-फरवरी में फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स की बैठक होनी है, ये संस्था देशों को आतंक के खिलाफ लड़ने के लिए पैसा देती है. लंबे वक्त से पाकिस्तान पर यहां ग्रे लिस्ट में जाने की तलवार लटकी है, ऐसे में हर बार ऐसा देखा गया है कि बैठक से ठीक पहले पाकिस्तान आतंकियों पर शिकंजा कसता है. और ये सब कुछ सिर्फ दिखावे के लिए किया जाता है.

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